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Work From Home Fraud : वर्क फ्रॉम होम का लालच देेने वाली इंदौर की गैंग ने सैकड़ों को ठगा, आप भी रहें अलर्ट

- 40 रुपए प्रति फॉर्म के हिसाब से हजारों रुपए प्रतिमाह देने का लालच देती थी गैंग - विभिन्न राज्य के 10 हजार लोगों का काॅन्टेक्ट डाटा बरामद  

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देशभर में घरेलू महिलाओं, विद्यार्थियों को वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर ठगी करने वाली इंदौर की गैंग से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कॉल सेंटर के रूप में काम कर रही गैंग ऑनलाइन ठगी कर रही थी। पकड़ाए आरोपियों से हजारों लोगों का काॅन्टेक्ट डाटा मिला है। पुलिस को आशंका है कि डाटा का धोखाधड़ी में इस्तेमाल किया जाना था।

डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक, लक्ष्मी यादव निवासी दिल्ली, ध्रुव प्रसाद शर्मा निवासी कानपुर, प्रियांशु प्रसाद निवासी बाराबंकी, खुशी निवासी धार ने क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी। इस आधार पर मृदुल पिता शैलेंद्र शर्मा निवासी कृष्णबाग कॉलोनी, रोहन पिता मानसिंह पंवार निवासी प्रजापत नगर, सौरभ गोशर निवासी रेलवे कॉलोनी छोटी ग्वालटोली, अमन पिता दुर्गेश मालवीय निवासी पलासिया, रितिक पिता दिलीप भाटी निवासी महू और किरण सिंह निवासी एमआर-10 को गिरफ्तार किया गया है।

क्लाइंट डाटा प्राप्त कर बनाया निशाना

डीसीपी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि शाइनडॉटकॉम, वर्कइंडियाडॉटकॉम कंपनी के माध्यम से क्लाइंट डाटा प्राप्त कर गैंग ने विभिन्न फर्जी वेबसाइट से लोगों को झांसा दिया। कॉल पर ऑनलाइन घर बैठे डाटा इंट्री का काम देने की बात करते। 40 रुपए प्रति फॉर्म भरने की बात कहकर हजारों रुपए प्रतिमाह कमाने का लालच देते। गैंग ने मुंबई, दिल्ली, पुणे, कानपुर, बाराबंकी, धार सहित देश के विभिन्न राज्यों में सैकड़ों लोगों को ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाया है। इनमें सबसे अधिक घरेलू महिलाएं और छात्र हैं। गैंग विभिन्न टास्क करवाती। फिर डाटा इंट्री का काम करने वालों को परेशान किया जाता। उन्हें धमकाते थे कि तुमने फॉर्म में गलत इंट्री की है या उसे निर्धारित अवधि में नहीं किया है। इस दौरान गैंग के सदस्यों ने खुद को वकील बताकर लोगों को ब्लैकमेल किया और लाखों रुपए वसूले।

पंजाब से कमीशन पर लिया खाता

डीसीपी ने बताया कि गैंग के सदस्यों ने देशभर में करीब 200 लोगों से करोड़ों की ठगी की है। गैंग ने आकर्षक फर्जी वेबसाइट बनाई थी। इसमें लाइफ इंश्योरेंस, शिपिंग के नाम पर डाटा इंट्री का काम लोगों को दिया जाता था। बेरोजगारों का विभिन्न वेबसाइट से डाटा उठाकर गैंग उनसे संपर्क कर घर बैठे काम करने का झांसा देती थी। गैंग बीते एक वर्ष से शहर के भंवरकुआं, गीता भवन और सांवेर में कॉल सेंटर संचालित कर बंद कर चुकी है। बीते दिनों गैंग की तलाश में महाराष्ट्र पुलिस इंदौर आई थी, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस संबंध में जानकारी जुटा रहे हैं। मुख्य आरोपी मृदुल से पता चला है कि ठगी के लिए उसने कमीशन पर पंजाब से पांच खाते लिए थे। जिसे वह एक साल से ऑपरेट कर रहा था। कार्रवाई के दौरान एक लाख नकदी, 30 मोबाइल जब्त किए हैं। जांच जारी है।

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