Diabetes: डायबिटीज के मरीजों के पैरों में घाव तेजी से होते हैं। एक रिसर्च के अनुसार भारत में हर साल लगभग दो लाख मरीजों के पैर काटने की स्थिति बनती है। मरीजों को समय पर बचाव उपायों की जानकारी जरूरी है। पैरों का सुन्न होना या घाव ठीक न होना इसके प्रमुख लक्षण हैं। अब इसके लिए भारत में भी बेहतर दवाई बनने लगी है जो विदेशी दवाओं से आधी से भी कम कीमत की होती है।
यह बात इंडियन पोलाइट्री एसोसिएशन की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एपीएस सूरी ने कही। आयोजन में इंदौर सहित अन्य स्थानों से लगभग 400 डॉक्टर शामिल हुए। यहां उन्होंने शोध पत्रों का प्रजेंटेशन भी दिया। डॉ, सूरी ने बताया, डायबिटिक मरीज की रक्त की नाड़ियां सिकुड़ने लगती हैं। रीड की हड्डी की नसों को शुगर डेमेज करती है। अगर पैर में चोट लगे तो यह घातक होता है। डॉ. अनुपमा दुबे ने बताया, शार्कूड फूड ऐसी स्थिति है जो डायग्नोज नहीं हो पाता, जबकि सबसे अधिक घातक है।
डॉक्टरों ने बताया, मरीज चोट लेकर आता है तो डॉक्टर को जांच करना जरूरी है। नहीं तो यह गैंगरीन का रूप ले सकती है। इससे पैर काटने की स्थिति बनती है। आइपीए मप्र के अध्यक्ष डॉ. उमेश मसंद ने बताया, पैरों को काटने से बचाने के लिए एसोसिएशन काम कर रहा है।
Published on:
24 Jun 2024 02:40 pm