
शुक्रवार को घरों से बाहर न निकालें कार, जानें क्या है वजह
बढ़ते एयर पॉल्यूशन के सुधार के लिए इंदौर नगर निगम 22 सितंबर को शहर की सड़कों पर बड़ी मुहिम चलाने जा रहा है। मुहिम ये है कि, इंदौर की सड़कों पर कल कारें नजर नहीं आएंगी। प्रशासन ने इस अभियान का नाम 'नो कार डे' रखा है। प्रशासन इस मुहिम को शहर के लोगों की सहभागिता से चलाएगा। इस संबंध में इंदौर कलेक्टर ने जहां सरकारी विभागों में पदस्थों से एक दिन कार का इस्तेमाल न करने के आदेश दिए हैं साथ ही शहरवासियों से भी एक दिन के लिए कार के इस्तेमाल के बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट या साइकिल इस्तेमाल करने की अपील की है। हालांकि, ये तो कल पता चलेगा कि ये मुहिम कितनी सफल होगी ? लेकिन इससे पहले ही इस मामले में राजनीति शुरु हो गई है।
ऐसे में शुक्रवार को शहर में कारों का कारवां नजर नहीं आएगा, जिससे ट्रैफिक में बड़ा सुधार नजर आने की संभावना तो है ही साथ ही एयर पॉल्यूशन में भी सकारात्मक असर देखने को मिलेगा। 'नो कार डे' मुहिम से जुड़ने के लिए अब तक 100 से अधिक एसोसिएशन, 20 से अधिक शिक्षण संस्थान और कई रहवासी संघ समर्थन दे चुके हैं। जिला प्रशासन, नगर निगम, आयकर विभाग, जीएसटी विभाग, आरटीओ, नर्सिंग एसोसिएशन, अन्य सरकारी दफ्तरों समेत कई संस्थाओं ने इस अभियान से जुड़ने के लिए सहमति मिल चुकी हैं।
शुरु हुई राजनीति
इधर, 'नो कार डे' को लेकर प्रदेश में राजनीति भी शुरु हो गई है। इस संबंध में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अमीन उल सूरी खान ने भाजपा पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा भाजपा को बढ़ती महंगाई और बेरोजगार के मुद्दों पर इवेंट करना चाहिए, जबकि इस तरह के इवेंट कर मूल मुद्दों से भटका रही है। वहीं 'नो कार डे' को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने और निजी वाहनों का कम से कम उपयोग करने का आवाहन किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, भाजपा सिर्फ इवेंट और टीवी चैनलों के लिए शो बनकर रह गई है। किसी भी तरह का इवेंट करके शासन का पैसा बर्बाद किया जा रहा है। जबकि, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर चर्चा करने की जरूरत है। उन्होंने दूर करना चाहिए, लेकिन इन मुद्दों पर कोई बात नहीं हो रही। चुनाव नजदीक आ चुके हैं, जिसमें जनता साफ तौर पर कांग्रेस के साथ है। आने वाले समय में कांग्रेस इन्हीं तमाम मुद्दों को लेकर अपना मत करेगी।
चार लाख से अधिक फोर व्हीलर
इंदौर आरटीओ में रजिस्टर्ड चार पहिया वाहनों की अनुमानित संख्या 4 लाख से अधिक है। प्रयास है कि, 22 सितंबर को इसमें से अधिकतम वाहन सड़कों पर न दौड़ेंगे। अभियान के सकारात्मक परिणाम आने से जनता आगे रहकर ऐसी मुहिम चलाएगी और जुड़ेगी।
अब तक 30 से अधिक बैठकें
अभियान संयोजक सीए अभय शर्मा के मुताबिक, अभियान के लिए 30 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं। 100 से अधिक एसोसिएशन, स्कूल, कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थानों ने सहमति दी है। अन्य एसोसिएशन से चर्चा जारी है। शहर के कई हिस्सों से रहवासी संघ संपर्क कर अभियान से जुड़ने की बात कह रहे हैं।
Published on:
21 Sept 2023 06:46 pm
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