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शादी के 4 दिन बाद पता चला, पत्नी नहीं निभा सकती रिश्ता, मेडिकल बोर्ड ने खोली सारी पोल

साढ़े चार साल बाद डॉ. दंपती का विवाह शून्य....

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Couple's marriage

इंदौर। शारीरिक विकृति (नपुंसकता) छिपाकर डॉक्टर महिला द्वारा कपट से किया विवाह इंदौर कुटुम्ब न्यायालय में शून्य घोषित कर दिया गया। करीब साढ़े चार साल बाद मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट, गवाहों के बयान पर कोर्ट ने फैसला सुनाया। डॉक्टर युवक की शादी परिजन ने धूमधाम से डॉक्टर युवती से की थी, लेकिन चार दिन बाद पता चला युवती शारीरिक विकृति के चलते वैवाहिक 'रिश्ता' निभा नहीं सकती।

शादी के पांच महीने बाद डॉक्टर पति ने इंदौर के कुटुम्ब न्यायालय में केस दायर किया, लेकिन महिला द्वारा समय पर बयान नहीं देने, मेडिकल बोर्ड के समक्ष जांच कराने नहीं जाने व अन्य कारण से करीब साढ़े चार साल बाद पति को तलाक मिल सका।

मेडिकल बोर्ड ने खोली पोल

कोर्ट की सुनवाई के दौरान भी युवती और उसके परिजन ने शारीरिक विकृति की बात नहीं मानी, उल्टा पति पर गंभीर आरोप लगाए। कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया। करीब डेढ़ साल की आनाकानी के बाद कोर्ट ने सख्ती से महिला की जांच कराई और उनके झूठ की पोल खुली। शादी के पहले परिजन ने दो बड़ी सर्जरी भी कराई, जिसकी जानकारी भी नहीं दी गई। प्रधान न्यायाधीश अनिल कुमार सोनाने ने आदेश में लिखा, युवती और उसके परिजन ने शारीरिक विकृति छिपाकर युवक से कपट किया है। एडवोकेट जितेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया, यह मप्र का संभवतः पहला केस है, जिसमें महिला की नपुंसकता के आधार पर कोर्ट ने विवाह शून्य किया है।

सामान समेट लौट गई

ठाकुर ने बताया, पति-पत्नी मूल रूप से ग्वालियर के पास के गांव में रहते थे। 4 मार्च 2017 को विवाह हुआ। तब युवती इंदौर से एमबीबीएस कर रही थी और युवक इंदौर में डॉक्टर था। शादी के कुछ दिन बाद महिला दहेज का सामान समेटकर मायके चली गई। शादी में खर्च रुपए भी नहीं लौटाए।