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4 घंटे में लाखों की अर्निंग! स्मार्ट यूथ से सीखें जबरदस्त कमाई का तरीका

MP News: शहर के यूथ को पंसद स्मार्ट वर्किंग... बेहतर हुई लाइफ स्टाइल, नई तकनीक के उपयोग से बेहतर हुई युवाओं की दिनचर्या, बढ़ी कर रहे क्वालिटी वर्क...

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MP News

MP News: कम समय में ज्यादा आउटपुट, तकनीक के सही इस्तेमाल से लाखों कमा रहा यूथ...(फोटो सोर्स: पत्रिका)

MP News: शहर के युवाओं की लाइफ स्टाइल में लगातार बदलाव आ रहा है। अब सुबह 9 से 5 बजे तक जॉब करने वाले यूथ की संख्या कम होती जा रही है। इसके साथ ही स्मार्ट वर्किंग को पसंद करने वाले युवाओं की संख्या लगभग 40 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है। पढ़ाई के दौरान लर्निंग विथ अर्निंग का सूत्र अपनाते हुए युवा बुक ब्लागिंग, फूड ब्लागिंग और वर्क फ्रॉम होम के कान्सेप्ट पर कार्य करना पसंद कर रहे हैं। दिन के सिर्फ 3 से 4 घंटों में युवा 1 लाख रुपए से अधिक की कमाई कर रहे हैं। इसलिए अब इनमें जॉब का रूझान कम हो रहा और सेल्फ वर्किंग ज्यादा पसंद की जा रही है।

पुरानी पीढ़ी की नई सोच

विशेषज्ञों का मानना है कि 1990-92 से 2015 के बीच की पीढ़ी एक नई सोच के साथ आगे बढ़ रही है। इनमें अब काम के पुराने तरीकों को छोड़कर टेक्नोलॉजी को अपनाकर कम समय में ज्यादा आउटपुट देने का उत्साह साफ नजर आ रहा है। स्मार्ट वर्किंग सिर्फ ट्रेंड नहीं, बल्कि लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुका है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका सोच में स्मार्ट वर्किंग को लेकर उत्साह बढ़ने के चलते हो रहा है।

स्टार्टअप और सेल्फ बिजनेस में बढ़ा रूझान

किसी मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने के बजाए स्वयं का बिजनेस और छोटे स्तर पर स्टार्टअप करने में यूथ का रूझान बढ़ रहा है।शहर में बढ़ रहे फूड स्टार्टअप के साथ ही डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन डिजाइनिंग ऐसे ही कुछ स्टार्टअप की श्रेणी में शामिल हैं। देश के नामी आइआइटी के साथ ही अन्य संस्थानों के युवा ने लाखों का पैकेज छोड़कर स्वयं के कार्य करने शुरू किए हैं।

ऑनलाइन फ्रीलांसिंग इन क्षेत्रों में अधिक

-कंटेट क्रिएशन

-वेब डिजाइनिंग

-सोशल मीडिया पोस्ट क्रिएशन

-बिनजस प्रमोशन

-डिजिटल मार्केटिंग

-डिजिटल एजुकेशन

एआइ पर बढ़ा विश्वास

फ्रीलांसिंग हो या फिर स्टार्टअप हर एक कार्य में यूथ का एआइ पर विश्वास बढ़ता जा रहा है। डिजाइन को इनोवेटिव बनाने से लेकर प्रोजेक्ट तैयार करने तक हर एक कार्य में उन्हें हेल्प मिल रही है। सही प्रॉम्प्ट एआइ को देकर बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा रहे हैं।

-नीरव सिंह, डिजिटल एक्सपर्ट।

फूड ब्लागिंग में बढ़ी अर्पाच्युनिटी

जॉब करने से बेहतर मुझे ब्लागिंग में अर्पाच्युनिटी लगी। सोशल मीडिया पर फूड ब्लागिंग शुरु की। दिन में 3-4 घंटे कार्य करता हूं। इससे मुझे एक मल्टीनेशनल कंपनी से ज्यादा की अर्निंग होती है। इसके साथ ही मुझे किसी भी प्रकार का कोई जॉब स्ट्रेस भी नहीं है।

-चिरायु सक्सेना, फूड ब्लॉगर।

बुक ब्लागिंग से 4 घंटे में कमा रही 1 लाख से ज्यादा रुपए

बुक ब्लागिंग में एक ही दिन में 1 लाख से ज्यादा कमाने का मौका मिला। मुझे सिर्फ इंटरनेशनल बुक राइटर्स की बुक्स का रिव्यू कर उसे प्रमोट करना होता था। 3-4 घंटों में 5-6 बुक के रिव्यू प्रमोट हो जाते हैं।

-शाइनी जैन, कंटेट क्रिएटर।