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मस्टरकर्मी से उद्यान प्रभारी बना चेतन पाटिल निकला करोड़ों का आसामी, कई बड़े घोटाले होंगे उजागर

Eow Raid Indore: 20 साल में चेतन पाटिल ने कमाए 15 लाख, संपत्ति मिली 2 करोड़ की, 4 करोड़ के पौधा घोटाले का भी आरोप, और भी बड़े घोटाले हो सकते हैं उजागर

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Eow Raid Indore

Eow Raid Indore (फोटो सोर्स: पत्रिका)

EOW Raid Indore: नगर निगम में मस्टर कर्मी से उद्यान विभाग प्रभारी बने चेतन पाटिल के पास उसकी आय से 175 प्रतिशत अधिक सम्पत्ति मिली है। यह सम्पत्ति उसने निगम में 20 साल में नौकरी के दौरान काली कमाई कर जुटाई। मस्टरकर्मी के तौर पर भर्ती हुए पाटिल ने इन 20 वर्षों में करीब 15 से 17 लाख रुपए वेतन निगम से प्राप्त किया और उसके पास 1.85 करोड़ की सम्पत्ति मिली है। यह खुलासा मंगलवार को ईओडब्ल्यू की छापामार कार्रवाई में हुआ। काली कमाई का यह आंकड़ा अभी और भी बढ़ने की संभावना है। वहीं पौधा खरीदी सहित अन्य आर्थिक अनियमितता के मामलों का भी जल्द खुलासा हो सकता है।

नगदी, गहने, बीमा पॉलिसी, बैंक लॉकर, जमीन, घर के मिले दस्तावेज

दरअसल ईओडब्ल्यू की दो टीमों ने मंगलवार को पाटिल के घर और दफ्तर पर छापा मारा। ईओडब्ल्यू को आय से अधिक सम्पति होने की शिकायत मिली थी। इसकी जांच में प्रमाणित हुआ था कि पाटिल ने निगम में रहकर कई तरह के घोटाले और भ्रष्टाचार किया है।

टीम ने कोर्ट की प्रक्रिया का पालन कर सर्च वारंट प्राप्त किया और मंगलवार 17 जून की सुबह घर-दफ्तर पर छापामार कार्रवाई की। टीम सबसे पहले सुबह 5 बजे पाटिल के गुलमोहर कॉलोनी स्थित घर पहुंची। यहां से नगदी, आभूषण, बीमा पालिसी, बैंक लॉकर, जमीन और मकान संबंधित दस्तावेज मिले। दूसरी टीम ने 9 बजे निगम मुख्यालय स्थित उद्यान विभाग के दफ्तर पर छापा मारा और उसे सील कर दिया।

जब्त फाइलों में भी आर्थिक अनियमितताओं की आशंका

बाहर सुरक्षा बल तैनात कर दिया। दोपहर बाद पाटिल की मौजूदगी में दफ्तर से दस्तावेज और फाइलों को जब्त कर लिया। इन फाइल में भी बड़े तौर पर आर्थिक अनियमितताएं होने के प्रमाण मिलने की आशंका है।

कोरोना में खुलेआम मनाया था जन्मदिन

पाटिल को राजनीतिक वरदहस्त भी प्राप्त है। वह अक्सर उद्यान विभाग में ही नौकरी करता है। पाटिल ने कोरोना संक्रमण के वक्त जोनल अधिकारी रहते प्रतिबंध के बाद भी खुले स्थान पर भीड़ की मौजूदगी में जन्मदिन मनाया था। इसका वीडियो वायरल होते ही सस्पेंड कर दिया गया था।

आर्थिक के साथ हरियाली को भी हानि

पाटिल ने न सिर्फ सरकार को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया, बल्कि उसने शहर को भी नुकसान पहुंचाया। पाटिल के उद्यान विभाग में रहने पर उसने कभी भी पेड़ काटने वालों पर सख्ती नहीं की, बल्कि इसमें लापरवाही ही की गई है। आरोप तो यह भी लगे हैं कि लकड़ी माफिया भी पाटिल के समय में शहर में जमकर फल-फूल रहे हैं।

निगम मुख्यालय से की फाइल जब्त

जानकारी मिली है कि शहर में समय-समय पर होने वाले बड़े आयोजन और पौधरोपण अभियान के दौरान पाटिल ने बड़ी गड़बड़ियां की हैं। उसने हाल ही में चार करोड़ रुपए के पौधा खरीदी मामले में भी बड़ी आर्थिक अनियमितता की। ईओडब्ल्यू को इससे संबंधित फाइल भी निगम मुख्यालय से मिली। आशंका है कि आय से अधिक सम्पत्ति के अलावा आर्थिक अनियमितता (अपराध) की भी अलग से टीम जांच करेगी।

इतनी संपत्ति मिली

1. भानगढ़ गुलमोहर ग्रीन कॉलोनी में दो प्लॉट, (अनुमानित कीमत) 28,60,000/-

2. तीन मंजिला भवन, (अनुमानित कीमत): 42,00,000

3. प्लॉट पर निर्माण (अनुमानित कीमत): 11,60,000

4. एक स्कूटी (अनुमानित कीमत): 52,000/-

5. मां के बैंक खाते में जमा राशि: 40,33,100/-

6. सोने के आभूषण: 10,00,000/-

7. अन्य खर्च: 13,00,000/-

8. नगद राशि: 1,14,400/-

9. 17 बीमा पॉलिसी (अनुमानित कीमत): 25,00,000/-

घर पर मिली 1.85 करोड़ की सम्पत्ति

ईओडब्ल्यू एसपी आरएस यादव के मुताबिक पाटिल के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति की शिकायत मिली थी, इस पर जांच के बाद केस दर्ज किया। आय से अधिक सम्पत्ति के प्रमाण मिले हैं। 20 वर्षो में पाटिल को अनुमानित 15 लाख वेतन मिला लेकिन ईओडब्ल्यू की टीम ने जब उनके घर पर सर्च कार्रवाई की तो वहां 1.85 करोड़ रुपए की सम्पत्ति मिली। इसके अलावा पाटिल के खिलाफ पौधा खरीदी में 4 करोड़ रुपए के घोटाले के संबंध में भी शिकायत मिली है। इसकी पृथक से जांच की जा रही है।

...और भी बड़े घोटाले होंगे उजागर

ईओडब्ल्यू टीम ने पाटिल के निगम मुख्यालय स्थित उद्यान विभाग के दफ्तर से भी कई अहम फाइलें जब्त की हैं। इनमें भी कई बड़े घोटाले उजागर हो सकते हैं। जानकारी मिली है कि पाटिल ने पौधा खरीदी, कटाई, शहर, गार्डन, डिवाइडर और अन्य स्थानों में होने वाले सौंदर्यीकरण के काम भी गड़बड़ी की है। ठेकेदारों से सांठगांठ कर काम और भुगतान के बदले भी वह बड़े स्तर पर पैसों का लेन-देन करता था।

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