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एमपी की इस सोसायटी में कभी फेंका नहीं जाता कचरा, तो क्या किया जाता है, जानकर हो जाएंगे हैरान

Recycle Garbage in MP: एमपी की इस सोसायटी में लोग घरों की सफाई जरूर करती हैं महिलाएं, लेकिन कभी फेंकती नहीं कचरा, अब सवाल ये कि फिर कचरे का किया जाता है, तो जवाब जानने के लिए जरूर पढ़ें ये खबर, हो जाएंगे हैरान...

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Recycle Garbage in MP

Recycle Garbage in MP

Recycle Garbage in MP: पानी या कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतल अक्सर लोग इधर-उधर फेंक देते हैं। तमाम पाबंदी के बावजूद पॉलीथिन का इस्तेमाल पूरी तरह बंद नहीं हुआ। लेकिन बिचौली मर्दाना क्षेत्र की शालमार पॉम टाउनशिप में इनका बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है। यहां बोतल और सिंगल यूज प्लास्टिक को ईको-ब्रिक्स में बदलकर इस्तेमाल किया जा रहा है। पांच साल में दो हजार से ज्यादा ईको ब्रिक्स तैयार हो चुकी हैं। सोसायटी के गार्डन और पेड़ों के पास ईको ब्रिक्स से क्यारियां बनाई जा चुकी हैं।

ऐसे बनाते हैं ईको ब्रिक्स

ईको ब्रिक्स ईंटें नहीं हैं, बल्कि बोतल में पॉलिथीन आदि भरकर टाइट करते हैं, जिसके बाद ईको-ब्रिक्स तैयार हो जाती है। सोसायटी के सभी लोग इसमें सहयोग करते हैं। खुद ही घरों में ईको ब्रिक्स तैयार कर कॉमन ब्रिक्स बॉक्स में डाल देते हैं। इसमें एकत्रित ब्रिक्स को गार्डन में इस्तेमाल करते हैं। अब तक सोसायटी में 2 हजार से ज्यादा ईको-ब्रिक्स का इस्तेमाल हो चुका।

सदस्य चला रहे जागरुकता अभियान

ईको ब्रिक्स के लिए काम कर रहे सोसायटी के सदस्यों का फार्मूला इतना हिट हुआ कि अब इसे शहर की अन्य टाउनशिप और बड़े समारोह में भी अपनाया जा रहा है। सोसायटी इसके लिए जागरूकता अभियान भी चला रही है। स्कूलों में जाकर छात्र-छात्राओं को भी समझा रहे हैं।

कैसे नुकसान पहुंचा रहा प्लास्टिक

एक व्यक्ति हर साल 10 किलो तक सिंगल यूज और पॉलीथिन का उपयोग करता है। इनके निपटान की उचित व्यवस्था नहीं है। ईको ब्रिक्स बनाने में एक लीटर पानी की बोतल में 400 ग्राम पॉलीथिन भरते हैं। इतनी पॉलिथीन 100 वर्गफीट जमीन प्रदूषित कर सकती है।

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