
honey trap (Image Source: Patrika)
मध्यप्रदेश की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में भूचाल लाने वाले हनी ट्रैप केस में बड़ा अपडेट सामने आया है। कोर्ट ने इस केस में 8 लोगों पर आरोप तय कर दिए हैं। अब इस मामले में नियमित सुनवाई होगी जिससे कई बड़े नेताओं-ब्यूरोक्रेट्स आदि की पोल खुल सकती है। 2019 में इंदौर नगर निगम के सिटी इंजीनियर ने ब्लैकमेल किए जाने की शिकायत की थी जिसके बाद इस सेक्स स्कैंडल की हकीकत सामने आई थी। खास बात यह है कि प्रदेश की राजनीति को हिला देने वाले और ब्यूरोक्रेट्स की नींद उड़ाने वाले हनी ट्रैप मामले में पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी अहम बात कही थी। उन्होंने इसकी सीडी देखने का दावा किया था।
एमपी के बहुचर्चित हनी ट्रैप केस में अब कोर्ट में रोज नए खुलासे होंगे। हनी ट्रैप के पीछे खड़े ब्यूरोक्रेट्स और नेताओं को मामले से बाहर रखने वाली पुलिस की पोल भी खुलेगी। विशेष कोर्ट ने अटकी प्रक्रिया तेज करते हुए शनिवार को मुख्य आरोपी समेत 8 पर आरोप तय कर दिए। अब केस की नियमित सुनवाई होगी।
विशेष न्यायाधीश डीपी मिश्रा ने आरोपी मोनिका उर्फ सीमा यादव, आरती दयाल, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी, श्वेता विजय जैन, रूपा अहिरवार, अभिषेक ठाकुर और ओमप्रकाश के खिलाफ आरोप तय किए। कोर्ट ने कहा, भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120बी/385, 120बी/389, 467, 468 और 471 के अपराध दिखता है। कोर्ट के आदेश के बाद आरोपितों की वकील पूर्वी असाटी ने इसे मानने से इनकार कर दिया।
सरकार गिराने की भी थी चर्चा
केस सामने आते ही सूबे में हलचल मच गई। तब तत्कालीन कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा था-भाजपा ने सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची। सभी नेता-नौकरशाह के नाम सार्वजनिक करने की मांग की। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर पलटवार कहा-कांग्रेस अपने लोगों के चरित्र पर सवाल उठा रही है।
कमलनाथ ने कहा था-मैंने सीडी देखी है
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस केस के संबंध में अहम दावा करते हुए इसकी सीडी होने की बात कही थी। इस पर टीम बनी। यह मामला भी कोर्ट पहुंचा था। कमलनाथ ने कहा था कि मैंने भी सीडी देखी है।
8 आरोपियों में 6 महिलाएं
पुलिस ने 6 महिलाएं समेत 8 को आरोपी बनाया। आरती, मोनिका, श्वेेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी, ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी को भी गिरफ्तार किया। बाद में सभी की जमानत हो गई थी। केस में अभिषेक ठाकुर और रूपा भी आरोपी है।
बड़े अफसरों-नेताओं से सांठगांठ, फिर लेते सरकारी ठेके
मामला उजागर हुआ तो पता चला, आरोपी युवतियों की मप्र के कई बड़े अफसरों से सांठगांठ थी। एनजीओ की आड़ में अफसरों को फंसाकर करोड़ों के ठेके लिए जाते थे। बिना काम किए ही भुगतान भी होता था।
शिकायतकर्ता हरभजन सिंह भी युवतियों से भोपाल में ही मिले थे। आरोप लगा था कि नगर निगम से ठेके लेने के लिए युवतियों ने हरभजन सिंह से दोस्ती गांठी। जब ठेके नहीं मिले तो अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग शुरू की।
आरोपी ने हरभजन सिंह को बलात्कार और अप्राकृतिक कृत्य के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी। आरोपी ने पहचान छिपाने के लिए फर्जी आधार कार्ड भी बनाया था। कई संस्थानों और होटलों में इसका इस्तेमाल किया था।
Published on:
26 Jan 2025 03:04 pm
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