बरखा और श्वेता बोलीं- आरती-मोनिका को हम नहीं पहचानते, थाने में रातभर जागकर गुजारी रात
इंदौर. हनी ट्रैप मामला अब इंदौर पुलिस के गले की हड्डी बन गया है। कारण है कि पुलिस ने इंदौर में जब आरती दयाल, मोनिका यादव और ड्राइवर ओमप्रकाश को हिरासत में लिया तो इसके बाद भोपाल के अफसरों को इसकी सूचना दी। भोपाल में जब इन्होंने श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा अमित सोनी को गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन पुलिस इनका कनेक्शन नहीं निकाल पा रही है।
must read : HONEYTRAP में उलझे इंदौर नगर निगम के सिटी इंजीनियर ने 21 साल की नौकरी में कभी नहीं देखी लूप लाइन उधर कानूनविदों का कहना है कि आरती दयाल के मार्फत श्वेता विजय जैन से संबंध होने की बात तो पुलिस कह रही है और चेन भी निकाल ली, लेकिन बरखा अमित सोनी और श्वेता स्वप्निल जैन ने आरती, मोनिका को पहचानने से ही इनकार कर दिया। पुलिस भी इनकी लिंक नहीं निकाल पाई, जिससे केस में भविष्य में फायदा मिल सकता है।
पुलिस ने नहीं करवाया आमना-सामना उधर कल तक पांचों महिलाओं को इंदौर के महिला थाने में रखा गया था, लेकिन महिला थाने में श्वेता स्वप्निल जैन, श्वेता विजय जैन व बरखा सोनी को एक साथ तो आरती दयाल और मोनिका यादव को एक साथ रखा। पुलिस ने इनका आमना-सामना नहीं करवाया।
must read : हनीट्रैप की जांच कर रहे पलासिया टीआई को हटाया वहीं एटीएस के जवान भी पूरे समय थाने पर मौजूद रहे। इंदौर पुलिस के अफसर भी पूछताछ करने जाते हैं तो जवान पूरे समय उनके साथ रहते हैं। उधर मोनिका की तबीयत भी खराब हो रही है। पहली रात वह सोई नहीं और बैठे-बैठे गुजारी। जिला जेल पहुंची श्वेता और बरखा को अलग-अलग रखा गया है।
कहां से आए थे 14 लाख रुपए पुलिस अब तक ये भी पता नहीं लगा पाई कि श्वेता जैन के घर से जो 14 लाख 17 हजार रुपए मिले थे, वे कहां से आए थे। वहीं अफसर दबे जुबान यह भी कह चुके हैं कि मामले में अब अन्य फरियादियों या जिन लोगों के वीडियो इन्होंने बनाए वे सामने नहीं आएंगे। कानूनविदों का कहना है कि कविता रैना, ट्व्ंिाकल डागरे, तनु राजोरिया केस की तरह ही पुलिस इस केस में भी कोर्ट में सबूत पेश नहीं कर पा रही है।
must read : हनीट्रैप पर बोले पूर्व गृहमंत्री – पुलिस के पास हैं सारे वीडियो, राजनीतिक दबाव में सामने नहीं आ रहे नामकोर्ट में भी मुंह की खाई पुलिस ने कोर्ट में भी कल मुंह की खाई और पलासिया थाना प्रभारी कोई वाजिब तर्क नहीं रख सके, जिससे श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वपनिल जैन और बरखा अमित सोनी का रिमांड बढ़ाया जा सके। जब पुलिस ने 14 लाख 17 हजार रुपए के बारे में पूछताछ की बात कही तो बरखा सोनी के अधिवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि ये रुपए कैसे आए, कहां से आए यह इनकम टैक्स के अधिकारी पता करेंगे। पुलिस पैसे के बारे में कैसे पता कर सकती है।
एटीएस ने पकडक़र सौंप दिया, लेकिन फरियादी नहीं पलासिया थाने में दर्ज मामले में फरियादी निगम इंजीनियर हरभजन सिंह हैं। उनके मामले में पुलिस ने एफआईआर में आरती, मोनिका और ओमप्रकाश इंदौर से पकड़ा था। इसके बाद भोपाल से पकड़ाई तीनों महिलाओं को एटीएस ने पुलिस को सौंप दिया।
must read : श्वेता का ड्राइवर के साथ रंगीन वीडियो हो गया था वायरल, पकड़ी तो बोली थी यह… ऐसे में कहा जा रहा है कि इन महिलाओं के पास से अन्य भी वीडियो मिले, लेकिन पुलिस कोर्ट में अन्य लोगों के वीडियो बनाने का खुलासा नहीं कर रही न ही अन्य फरियादी सामने लाई जिनको ब्लेकमैल किया हो। ऐसे में हरभजन के केस से इनका लिंक बैठाना पुलिस के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र का कहना है भी है कि भोपाल से पकड़ी गई तीनों को धारा १२०-बी लगाकर षड्यंत्र का आरोपित बनाया है।
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