यह भी पढ़ें- कथावाचक की करोड़ों की कमाई! कभी साइकिल से चलते थे पंडित मिश्रा, टीवी और यू ट्यूब से भी खूब आ रहा पैसा कॉलोनी ढहाने आए अधिकारियों के समक्ष फ्लैट मालिकों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने विधायक उषा ठाकुर से इलाके के बीजेपी पार्षद अश्विनी शुक्ला की शिकायत की। प्रदर्शनकारियों ने उनपर 5—5 लाख रुपए मांगने के आरोप लगाए। इधर पार्षद शुक्ला ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि ये लोग खुद कॉलोनाइजरों से जुड़े हैं।
वापस लौटे अधिकारी
बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ने अधिकारियों से बातचीत की और इसके बाद अतिक्रमण हटाने गई निगम की टीम बिना कोई कार्रवाई किए लौट गई। अब इस मामले में राजनीति गरमा गई है। जहां एक ओर कांग्रेस महापौर पुष्यमित्र भार्गव पर हमलावर हो गई है वहीं इसे इंदौर के बीजेपी नेताओं की वर्चस्व की लड़ाई के तौर पर भी देखा जा रहा है।
दरअसल जिस इलाके में नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची थी वह कैलाश विजयवर्गीय की विधानसभा के अंतर्गत आता है। यहां बीजेपी विधायक उषा ठाकुर के पहुंचने और अतिक्रमण टीम को लौटाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
ये है मामला
एरोड्रम क्षेत्र में मारवाड़ी अग्रवाल कॉलोनी में नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची। पूर्व मंत्री और विधायक उषा ठाकुर को जैसे ही इसकी जानकारी लगी वे मौके पर पहुंच गईं और निगम की कार्रवाई रुकवा दी। यहां के निवासियों ने आरोप लगाया कि पार्षद अश्विन शुक्ल ने पैसों की डिमांड की थी और नहीं देने पर मकान ढहाने के लिए नगर निगम की टीम भेज दी।