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ट्रैफिक एक्सपर्ट जगतनारायण जोशी बोले- ट्रैफिक सेल इंदौर की बड़ी जरूरत

ट्रैफिक सेल के गठन से सड़कें और चौराहे होंगे व्यवस्थित

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इंदौर

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jay dwivedi

Nov 06, 2019

ट्रैफिक एक्सपर्ट जगतनारायण जोशी बोले- ट्रैफिक सेल इंदौर की बड़ी जरूरत

ट्रैफिक एक्सपर्ट जगतनारायण जोशी बोले- ट्रैफिक सेल इंदौर की बड़ी जरूरत

शहर की ट्रैफिक व्यवस्थाओं के लिए संघर्ष करने वालों में जगतनारायण जोशी का नाम शुमार है। ट्रैफिक एक्सपर्ट के नाते लंबे समय से पुलिस व परिवहन विभाग के साथ काम करने वाले जोशी चाहते हैं कि व्यवस्थाओं में सुधार हो, ताकि देश में सम्मान के साथ इंदौर का नाम लिया जाए।

इंदौर. शहर में बढ़ते वाहन दबाव, जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए ट्रैफिक इंजीनियरिंग सेल की जरूरत है। जोशी का कहना है कि जब ट्रैफिक सेल बनेगा तो सड़कें और चौराहे व्यवस्थित होंगे। व्यवस्थाएं ठीक होंगी तो लोगों में खुद ही ट्रैफिक सेंस विकसित होगा। इसका असर ट्रैफिक प्रबंधन के सुधार के रूप में नजर आएगा। नियम तोडऩा और व्यवस्थाएं ठीक नहीं होना ही ट्रैफिक की सबसे बड़ी परेशानी है। मेरा मानना है, यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए सबसे अहम लोक परिवहन है। जब अच्छा लोक परिवहन होगा तो लोग उसका उपयोग करेंगे। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि लोक परिवहन के वाहनों के ड्राइवर को ट्रैफिक नियमों के पालन की सीख दी जाए। पुलिस को जागरूकता के साथ ट्रैफिक सुधारने के लिए सख्त भी होना पड़ेगा। मोटर वीकल एक्ट में प्रावधान है कि दोपहिया वाहन चालक हेलमेट नहीं पहनता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए, जबकि आप लोग देख ही रहे हैं कितने लोग हेलमेट पहन रहे हैं। और तो और पुलिस के जवान ही बगैर हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाते हैं। जब जिम्मेदार ही ऐसा व्यवहार करेंगे तो अन्य लोगों से कैसे उम्मीद की जा सकती है।

अतिक्रमण को शान या रसूख न समझें लोग
ट्रैफिक सुधार का पर्याय सिर्फ यातायात पुलिस को माना जाता है, जिन्हें विशेष प्रयास करना ही होंगे। पुलिस स्टाफ को संकल्प लेना चाहिए कि सबसे पहले वे नियम का पालन करेंगे। हेलमेट बिना गाड़ी नहीं चलाएंगे। पुलिस के लिए एक जैसी वर्दी है तो फिर हेलमेट का रंंग एक जैसा क्यों नहीं होना चाहिए, जो उनकी अलग पहचान बने। एक और बड़ी समस्या है फुटपाथ पर कब्जे। दुकानदार अपना सामान फुटपाथ पर रखना शान या रसूख का प्रतीक समझता है। उसे यह व्यवहार बदलना होगा। पार्किंग व्यवस्थाओं के लिए नगर निगम को आगे आना होगा। जहां पार्किंग की जरूरत है वहां सस्ता, सुगम पार्किंग बने तो लोग उपयोग करने लगेंगे। जब तक व्यवस्था नहीं होती लोग यों ही गली निकालने की फिराक में रहते हैं।