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इस शहर में होगा देश का सबसे अच्छा ट्रैफिक सिस्टम, QR स्कैन करते ही आप भी बन जाएंगे ‘ट्रैफिक प्रहरी’

Traffic Sentinel Campaign : यातायात पुलिस ने नागरिकों की सहभागिता से ट्रैफिक को सुव्यवस्थित करने के लिए नया अभियान 'ट्रैफिक प्रहरी' शुरू किया है।

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Traffic Sentinel Campaign

शहर में होगा देश का सबसे अच्छा ट्रैफिक सिस्टम (Photo Source- Patrika Input)

Traffic Sentinel Campaign : स्वच्छता के क्षेत्र में देशभर में नंबर-1 रहने के बाद अब मध्य प्रदेश के आर्थिक नगर इंदौर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधार की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। यातायात पुलिस ने नागरिकों की सहभागिता से ट्रैफिक को सुव्यवस्थित करने के लिए नया अभियान 'ट्रैफिक प्रहरी' शुरू किया है।

शनिवार को डीसीपी (प्रभारी ट्रैफिक) आनंद कलादगी ने अभियान की शुरुआत करते हुए क्यूआर कोड लांच किया। इसके माध्यम से नागरिक गूगल फॉर्म भरकर अपनी सुविधा अनुसार समय व स्थान चुनकर 'ट्रैफिक प्रहरी' के रूप में जुड़ सकते हैं। इस अवसर पर एडिशनल डीसीपी संतोष कुमार कौल, एसीपी मनोज कुमार खत्री, एसीपी हिंदू सिंह मुवेल, यातायात पुलिस अधिकारी, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि और जिमेदार नागरिक मौजूद रहे। कलादगी ने बताया, पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह के मार्गदर्शन और एडिशनल पुलिस कमिश्नर आरके सिंह के निर्देशन में ट्रैफिक पुलिस लगातार अभियान चला रही है।

मिलेंगे जैकेट और बैज

उन्होंने कहा कि इस पहल का मकसद नागरिकों को ट्रैफिक प्रबंधन और नियम पालन की प्रक्रिया में सीधे तौर पर शामिल करना है। जो नागरिक 'ट्रैफिक प्रहरी' के रूप में कार्य करेंगे उन्हें पुलिस की ओर से सिटी, लाइट बैटन, जैकेट और बैज प्रदान किए जाएंगे। उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रहरियों को साप्ताहिक और मासिक समान समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा। आमजन की सहभागिता से शहर का ट्रैफिक सुधारने में मदद मिलेगी।

सवाल- 'ट्रैफिक प्रहरी' अभियान की जरूरत क्यों पड़ी?

जवाब- इंदौर स्वच्छता में नंबर-1 इसलिए बना क्योंकि जनता की मानसिकता बदली। लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसलिए अब जनता को जिमेदारी निभाने के लिए प्रेरित करेंगे।

सवाल- जनता से क्या उमीद है?

जवाब- कुछ दिनों में असर दिखेगा। सोशल मीडिया इन्लूएंसर्स, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों को भी जोड़ा जाएगा। लक्ष्य है कि जनता को सिखाया जाए कि रेड लाइट जंप न करें, तीन सवारी न बैठें और हेलमेट अवश्य पहनें।

सवाल- क्या पुलिस बल की कमी चुनौती बन रही है?

जवाब- ट्रैफिक पुलिस के पास 670 जवान हैं। 100 ट्रैफिक वॉर्डन भी प्रमुख चौराहों पर ड्यूटी दे रहे हैं। बल की कमी को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। शहर में 35 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत हैं और 140 बड़े चौराहों में से करीब 30 स्थानों पर ट्रैफिक जाम की समस्या अधिक है।