जानकारी के अनुसार गुना में हुई मुठभेड़ में शहीद हुए राजकुमार की पहली पोस्टिंग ही इंदौर हुई थी, उन्होंने पुलिस का प्रशिक्षण लेने के बाद इंदौर से अपनी पारी की शुरूआत की थी, यहां उन्होंने चर्चित हनीट्रैप मामले में भी काफी सराहनीय काम किया था, वे स्टॉफ में भी काफी घुले मिले थे, यहां हर कोई उन्हें प्यार से राजा कहकर बुलाते थे, जब उनके साथियों को पता चला कि वे नहीं रहे, तो सभी ने नम आंखों से उन्हें श्रद्धांजलि दी।
2018 में आए थे इंदौर, जीतू सोनी मामले में जुटाए थे सबूत
बताया जा रहा है कि राजकुमार जाटव ने साल 2017 में ट्रेनिंग पूरी की थी, इसके बाद वे साल 2018 में इंदौर आए थे, उन्होंने शुरूआत से ही पुलिस विभाग में बेहतरीन काम किया, उन्होंने हनीट्रैप मामले में आरोपी जीतू सोनी की होटल से कई दस्तावेज एकत्रित करने के साथ ही कई सबूत भी एकत्रित किए थे, इस दौरान वे करीब ३ साल तक इंदौर में पदस्थ रहे, उन्हें यहीं सब इंस्पेक्टर का दायित्व भी मिल गया था।
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डेढ़ साल पहले हुई शादी, 3 माह की है बेटी
राजकुमार जाटव इंदौर में सब इंस्पेक्टर का दायित्व संभालते हुए करीब 3 साल तक पदस्थ रहे, इसके बाद करीब डेढ़ साल पहले ही उनकी शादी हुई है, उनकी महज 3 माह की बेटी है, जानकारी मिली है कि उनकी बैच के इंदौर में करीब पांच दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी पदस्थ हैं।