
इंदौर। चुनावी साल में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी लाडली बहना योजना के लिए शहर के बैंक राह का रोड़ा साबित हो रहे हैं। बैंक ऐसी मनमानी कर रहे हैं कि शहर में हजारों बहनों को उनके हिस्से की राशि 1000 रुपए खाते में तो मिली़, लेकिन हाथ में नहीं आ सकी। दरअसल हुआ यह कि जैसे ही इन हजारों महिलाओं के खाते में लाडली बहना योजना के 1000 रुपए आए, तो बैंकों ने अलग-अलग शुल्कों के बदले यह राशि काट ली और इन महिलाओं को योजना की पहली किस्त नहीं मिल सकी।
अब तक सामने आ चुके हैं 5000 मामले
इंदौर शहर में महिलाओं के खाते में आने वाली लाडली बहना योजना की पहली किस्त का ऐसा इस्तेमाल करने के एक दो हजार नहीं बल्कि 5000 मामले सामने आ चुके हैं। दरअसल इन महिलाओं के खातों में लंबे समय से कोई लेन-देन ही नहीं हुआ था। यही नहीं खाते में मिनिमम बैलेंस तक नहीं था। ऐसे में 10 जून को जैसे ही मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक से उनके खाते में पैसे ट्रांसफर किए, बैंकों ने इस राशि से ही अपना शुल्क काट लिया। वहीं कई महिलाएं तो ऐसी हैं जिनकी अगली किस्त भी बैंक की शुल्क अदाएगी में ही चली जाएगी।
तो 18 हजार महिलाओं को अब तक नहीं मिली पहली किस्त
यही नहीं इंदौर में करीब 18 हजार ऐसी महिलाएं हैं, जिनके खाते में लाडली बहना योजना की पहली किस्त तक नहीं पहुंची। हालांकि इसका कारण भी बैंक के जिम्मेदारों ने बता दिया। दरअसल ये 18 हजार महिलाएं ऐसी हैं, जिनके खाते अभी तक डीबीटी एक्टिवेटेड नहीं हुए हैं। जैसे ही खाते की डीबीटी प्रक्रिया कम्प्लीट हो जाएगी। उनके खातों में लाडली बहना योजना की किस्त भी आना शुरू हो जाएगी।
बैंक से मिला यह जवाब
मामले पर बैंक अधिकारियों का कहना है कि बचत खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखा जाता, तो बैंक इसके लिए शुल्क चार्ज करते हैं। जिन महिलाओं के पैसे कटे हैं, उनके खातों में कोई गड़बड़ी नहीं है। बैंकों ने नियम के अनुसार काम करते हुए ही शुल्क की राशि काट ली है।
Updated on:
14 Jun 2023 03:50 pm
Published on:
14 Jun 2023 03:46 pm
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