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‘पश्चिम बायपास’ के लिए 64 किमी. में होगा ‘जमीन अधिग्रहण’! आज होगी सुनवाई

MP News: यशवंत सागर के आगे से उज्जैन रोड और शिप्रा होते हुए एबी रोड तक की सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने मंजूरी दी है।

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News:एमपी के इंदौर शहर में पीथमपुर से शिप्रा तक प्रस्तावित पश्चिम बायपास (रिंग रोड) को लेकर जमीन अधिग्रहण को चुनौती देने वाली 74 याचिकाओं पर हाईकोर्ट जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की युगलपीठ ने सुनवाई शुरू की। बुधवार को सुनवाई पूरी नहीं होने से गुरुवार को भी इस पर सुनवाई होगी।

अभिभाषक अमित दुबे ने बताया, पीथमपुर से काली बिल्लौद, यशवंत सागर के आगे से उज्जैन रोड और शिप्रा होते हुए एबी रोड तक की सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने मंजूरी दी है। इस 64 किमी लंबे पश्चिमी बायपास के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गई थी। जिला प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण करते हुए नैचुरल वैली की जमीन को कृषि भूमि मानकर अवॉर्ड की तैयारी कर ली थी। जमीन अधिग्रहण के लिए कॉलोनी के प्लॉटधारकों को न नोटिस जारी हुआ और न ही उनका पक्ष सुना गया। इस पर प्लॉट खरीदने वालों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं।

अधिग्रहण को गलत बताया...

बुधवार को कॉलोनी विकसित करने वाली कंपनी टीडीएस इंफ्रा एस्टेट डेवलपर्स के वकीलों ने कॉलोनी की अनुमति के दस्तावेज रखते हुए अधिग्रहण को गलत बताया। प्लॉटधारकों की ओर से भी पक्ष रखा गया। कोर्ट को बताया गया कि कॉलोनी वैध है और उन्होंने प्लॉट की रजिस्ट्री करवाई है। कोर्ट में योजना को लेकर भी सवाल उठाए गए। मामले में 74 याचिकाओं में से कुछ का ही पक्ष कोर्ट में रखा जा सका। कोर्ट का समय पूरा होने से इस केस को गुरुवार को भी सुनवाई के लिए रखा गया है।

कोर्ट कर चुकी है यथास्थिति के आदेश

इन याचिकाओं पर कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। इसके बाद से काम रुका हुआ है। पिछली पेशी पर कोर्ट ने एनएचएआइ के अफसरों को दस्तावेजों के साथ कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा था। बुधवार को अधिकारियों ने योजना की जानकारी दी। इसके बाद वकीलों ने पक्ष रखा।

पहले भी कोर्ट पहुंचा था मामला

नैचुरल वैली कॉलोनी की जमीन देपालपुर तहसील के मोहना और बेटमाखुर्द गांव में है। कॉलोनी के डेवलपर्स और मार्केटिंग एजेंट ने पैसे लिए, लेकिन रजिस्ट्री नहीं की। कोर्ट में कानूनी लड़ाई के बाद प्लॉट्स की रजिस्ट्रियां हुईं। रजिस्ट्री के कुछ दिन बाद कॉलोनी की जमीन अधिग्रहित करने की अधिसूचना जारी हुई।