
NIT Trichy : इंजीनियरिंग कॉलेज एनआईटी तिरुचिरापल्ली से लापता इंदौर की छात्र ने अपने 4 पन्ने के लेटर में बड़ा खुलासा किया है। उसने अपने लेटर में बताया कि कैसे उसपर क्लास का सीआर बनने के बाद पितृसत्तात्मक सोच वाले पुरुषों द्वारा मानसिक दबाव दिया जा रहा था। हालांकि, छात्रा ने अपने पत्र में किसी भी व्यक्ति को दोष नहीं है।
आपको बता दें कि, एनआईटी त्रिची में पढ़ने वाली छात्रा ओजस्वी गुप्ता पिछले 15 दिन लापता है। वह मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की रहने वाली है। 15 सितंबर को वह सुबह-सुबह खुद कॉलेज से कही चली गई और अपने पीछे एक लेटर छोड़ गई। तमिल नाडु की तिरुचिरापल्ली पुलिस एसआईटी का गठन कर छात्रा की तलाश कर रही है लेकिन उन्हें अभी तक कोई भी लीड नहीं मिली है। छात्रा के परिवार ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भी मदद की गुहार लगाई है।
ओजस्वी के गायब होने के बाद पुलिस ने उसके हॉस्टल कमरे की छानबीन की थी जिसमे उन्हें 4 पन्ने एक लेटर मिला था। उस लेटर में लापता छात्र ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत की पितृसत्तात्मक सोच की सच्चाई को उजागर करते हुए अपना सब कुछ छोड़कर कही चले जाने का कारण बताया था। छात्रा ने लिखा कि 'अगर कोई महिला सुंदर नहीं है तो ये बहुत मुश्किल है कि वह पुरुषों को अपने नेतृत्व में काम करवा सके। पुरुषों को स्त्रियों के नेतृत्व में काम करना पसंद नहीं, खासकर तब जब महिला सुंदर न हो।' छात्रा ने आगे लिखा कि 'मुझे डिपार्टमेंट का सीआर बनाया गया। वास्तव में मुझे शुरुआत में इसके लिए बहुत गर्व और खुशी महसूस हुई, लेकिन बाद में सब खराब होने लगा।'
ओजस्वी ने खत में आगे कॉलेज में पढ़ रही लड़कियों को संदेश देते हुए लिखा कि 'लोगों के लिए इतना मत करो कि खुद को ही खो दो। आखिर में ये वही लोग होते हैं, जो आप पर ऊंगली उठाते हैं। खास तौर पर लड़कियों के लिए- ये जमाना लड़कियों के लिए ठीक नहीं है। अब अलविदा कहती हूं, मेरा मानसिक दबाव था मैं बर्दाश्त नहीं कर पाई, मेरी गलती है, दूसरों को दोष मत देना।’
आपको बता दें कि, एनआईटी त्रिची की छात्रा ओजस्विनी गुप्ता के लापता होने की रिपोर्ट 16 सितंबर को थुवक्कुडी थाने में दर्ज करवाई गई थी। इसके बाद पुलिस लापता छात्रा की तलाश में जुट गई। इसके बाद त्रिचि पुलिस ने छात्रा की तलाश के लिए एसआईटी का गठन भी कर दिया, लेकिन अब तक टीम उसे तलाश नही कर पाई है।
त्रिची पुलिस द्वारा ओजस्विनी को नहीं ढूंढ पाने के कारण उसके माता-पिता ने मध्य प्रदेश के सीएम डॉ.मोहन यादव से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने सीएम को ज्ञापन सौपकर कहा है कि उन्हें त्रिची पुलिस पर भरोसा नहीं है। इंदौर पहुंचे सीएम डॉ. मोहन यादव ने ओजस्विनी के माता-पिता से मुलाकात कर उनकी बेटी की तलाश करवाने और सरकार द्वारा मामले में हस्तक्षेप करने का आश्वासन दिया है।
Updated on:
29 Sept 2024 04:48 pm
Published on:
29 Sept 2024 04:42 pm
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