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एमपी में तैयार हो रहा मिलावटी देसी घी, बड़ा खुलासा ‘महाराष्ट्र-राजस्थान’ की खराब कर रहा सेहत

MP news Milawati Ghee: प्राथमिक रूप से जांच व पूछताछ में बड़ा खुलासा इस तरह तैयार मिलावटी घी शहर में नहीं बेचा जाता, ग्रामीण इलाकों में सप्लाई, महाराष्ट्र और राजस्थान के गांवों में धड़ल्ले से हो रही बिक्री...

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MP News Milawati Ghee

MP News Milawati Ghee: मध्य प्रदेश के इंदौर में दो दिन में दो बड़ी कार्रवाई। (फोटो: सोशल मीडिया)

MP News Milawati Ghee: प्रशासन की टीम ने दो दिन में दो स्थानों पर कार्रवाई कर मिलावटी घी बनाने का खुलासा किया। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम की छानबीन में पता चला कि मिलावटी घी महाराष्ट्र व राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में सप्लाय किया जा रहा है। ब्राडेंड कंपनियों के रेपर लगाकर कम दाम में एजेंटों को दिया जाता है, जो गांवों की दुकानों पर बिक्री के लिए पहुंचा देते हैं।

दीपावली पर इंदौर से जमकर मिलावटी घी की सप्लाई कई स्थानों पर होने की जानकारी विभाग के हाथ लगी थी। खाद्य विभाग की टीम ने बुधवार को पालदा और गुरुवार को पल्हर नगर 60 फीट रोड पर कार्रवाई कर सैकड़ों लीटर वनस्पति तेल, एसेंस व घी जब्त किया। पल्हर नगर की कार्रवाई के दौरान ब्राडेंड कंपनियों के रेपर भी मिले। जब इन कंपनियों से रेपर को लेकर पूछताछ की तो उन्होंने खुलासा किया कि उनके नाम से मिलावटी घी बनाकर लोगों तक भेजा जा रहा है। वनस्पति तेल में एसेंस मिलाकर घी का रूप दिया जाता है। एसेंस से घी जैसी खुशबू आती है।

दो दिन में दो बड़ी कार्रवाई

30 अक्टूबर : 600 लीटर घी-तेल जब्त

स्थान : 60 फीट रोड पर पल्हर नगर में गिरिराज गुप्ता का घर

कार्रवाई : 27 डिब्बे वनस्पति, 13 डिब्बे तेल, 3 डिब्बे घी, 5 बोतल एसेंस और नामीब्रांड सांची, अमूल, नोवा और मालवा के लगभग 350 रैपर जब्त किए।

29 अक्टूबर : 3400 लीटर मिलावटी घी जब्त

स्थान : श्रीराम मिल्क एंड फूड डेरी पालदा

कार्रवाई : 1,300 लीटर से अधिक खुला घी और 1,700 लीटर मदर चाइस ब्रांड नाम से पैक माल मिला। इसके अलावा अन्य ब्रांड कैवल्य फ्रेश, सब्हो डिलीशियस की पैकिंग में भी मिलावटी घी मिला। 10 नमूने जांच के लिए भेजे गए।

ब्रांडेड कंपनियां भी हुई एक्टिव

खाद्य अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया, मिलावटी घी के मामले में ब्राडेंड कंपनियां भी सक्रिय हुई हैं। प्राथमिक रूप से जांच व पूछताछ में पता चला कि इस तरह तैयार मिलावटी घी शहर में नहीं बेचा जाता है। हालांकि, शहर में कुछ कैटरर्स बड़े ऑर्डर के दौरान ऐसे घी का उपयोग करते हैं, जिसकी भी जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया, घी बनाने वालों ने ग्रामीण इलाकों में सप्लाय के लिए एजेंट बना रखे हैं।

कमाई के लालच में धोखे का कारोबार

चूंकि, शुद्ध घी के मुकाबले काफी कम कीमत में यह मिलावटी घी तैयार हो जाता है, इसलिए ज्यादा कमाई के लालच में निर्माता व एजेंट इस कारोबार में शामिल हो जाते हैं। मध्यप्रदेशके अंदरुनी ग्रामीण इलाकों के साथ ही महाराष्ट्र व राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में इस तरह का घी सप्लाय होने की सबूत मिले हैं। घी बनाने वालों से सप्लाय लेने वाले एजेंटों से संबंधित जानकारी ली जा रही है। दस्तावेज भी मिले हैं।

सप्लायर, रेपर निर्माता व एजेंट पर भी होगी कार्रवाई

कलेक्टर शिवम वर्मा के मुताबिक, मिलावटी घी के मामले में कड़ी पर कार्रवाई की जाएगी। मिलावटी घी के लिए नकली रेपर तैयार करने वाले, अन्य सामग्री सप्लाय करने वालों के साथ ही मिलावटी घी दुकानों तक पहुंचाने वाले एजेंटो की भी जानकारी ली जा रही है। नकली रेपर बनाने के साथ ही सप्लायर पर भी सख्त कार्रवाई होगी। एफआइआर भी करवाई जाएगी।