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इंदौर की कोर्ट में ‘पुलिस बनाम पुलिस’, न्याय की गुहार लगा रहा जवान, जानें पूरा मामला

fake rape case: पुलिस जिसे न्याय दिलाने का जिम्मा है, उसी का एक जवान बना अन्याय का शिकार हो गया। इंदौर में आरक्षक ने ASI पर झूठे रेप केस में फंसाने का आरोप लगाया। (sessions court)

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इंदौर

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Akash Dewani

Jul 20, 2025

mp police fake rape case asi accused indore district sessions court

mp police fake rape case asi accused indore district sessions court (फोटो सोर्स- indore.dcourts वेबसाइट)

fake rape case: पुलिस आम जनता को न्याय दिलाने के लिए होती है, लेकिन इंदौर में पुलिस को ही न्याय नहीं मिल पा रहा है। इंदौर पुलिस के एक जवान को न्याय पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। कनाड़िया थाने में पदस्थ आरक्षक ने सहायक उप निरीक्षक (ASI) के खिलाफ परिवाद दायर किया है।

आरक्षक ओमप्रकाश नरवरिया ने हीरा नगर थाने में पदस्थ रहे एएसआइ धीरज शर्मा द्वारा बलात्कार जैसे अपराध में झूठा फंसाकर जेल भिजवाने की बात कही है। केस में वे बरी हो गए, लेकिन एएसआइ पर कार्रवाई नहीं हुई।

ये है पूरा मामला

अधिवक्ता पंकज विश्वकर्मा के मुताबिक, नरवरिया की ओर से दायर परिवाद में कहा गया है कि हीरा नगर थाने में पदस्थ रहने के दौरान उन्होंने बदमाश पीयूष उर्फ विक्की को पकड़ा था। एएसआइ ने अपनी परिचित का बेटा होने से छोड़ने को कहा था। उसे कई बार उन्होंने छुड़वाया था। इस बात पर दोनों के बीच विवाद हुआ और एएसआइ शर्मा उससे रंजिश रखने लगे। हीरा नगर थाने में 21 अप्रेल 2021 को एक युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी, जिसे 4 जून 2021 को पुलिस ने ढूंढ लिया। पुलिस ने केस में आरक्षक नरवरिया पर भी बलात्कार, पॉक्सो एक्ट की धाराएं लगा दीं। इससे पहले ही युवती ने कोर्ट में पेश होकर विजय नगर थाने में बयान दिए कि अजय उर्फ बाबू ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने के साथ जेवरात हड़प लिए थे। अजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

उसके जेल में रहने के दौरान युवती ने अपनी मां, भाई और एएसआइ शर्मा के खिलाफ परिवाद दायर कर कोर्ट में बयान दिए थे कि उसका भाई आपराधिक प्रवृत्ति का है। वह अजय से प्यार करती है, इसलिए उसकी मां और भाई ने अजय के खिलाफ हीरा नगर थाने में झूठा केस दर्ज करवाया। एएसआइ शर्मा और परिवार वाले उसके जरिए लोगों पर झूठे केस दर्ज करवाते रहते हैं।

कोर्ट ने किया बरी

जिस केस में नरवरिया को जेल भेजा गया था, उसमें 31 दिसंबर 2024 को जिला सत्र न्यायालय (sessions court) ने नरवरिया को बरी कर दिया है। नरवरिया ने एएसआइ शर्मा और अन्य लोगों पर पद का दुरुपयोग कर झूठा केस दर्ज करने के खिलाफ शिकायत हीरा नगर थाने में की थी। वरिष्ठ अधिकारियों को भी जानकारी दी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।

कोर्ट से मांग की है कि एएसआइ शर्मा सहित उसे झूठे केस में फंसाने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए। मामले में न्यायिक दंडाधिकारी प्रिंसी अग्रवाल ने हीरा नगर थाने से शिकायत पर की गई कार्रवाई का रिकॉर्ड तलब किया है। हीरा नगर टीआई को अगली सुनवाई पर पेश होना होगा।

वसूली में लाइन अटैच

बताया जा रहा है कि शर्मा ने एमआइजी में रहने वाली एक अन्य युवती के साथ मिलकर रवि अग्रवाल से 50 लाख की वसूली की थी। सहायक पुलिस आयुक्त हीरा नगर की जांच में शर्मा की संलिप्तता पाई ग्रई। शर्मा को लाइन अटैच किया गया था।