11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

NEET PG Result 2025 पर नया बवाल, अब कोर्ट जाएंगे स्टूडेंट्स

NEET PG Result 2025: नीट पीजी 2025 का रिजल्ट एक नए विवाद में फंस गया है। छात्रों का आरोप है कि रिव्यू प्रश्नों के अंक नहीं जोड़े गए, जिससे रिजल्ट प्रभावित हुआ है।

2 min read
Google source verification

इंदौर

image

Akash Dewani

Aug 23, 2025

neet pg result 2025 controversy indore students supreme court mp news

neet pg result 2025 controversy indore students supreme court (फोटो- विकिपीडिया)

NEET PG Result 2025: नीट पीजी 2025 एक बार फिर विवादों में घिर गया है। स्टूडेंट्स का कहना है कि जिन प्रश्नों को परीक्षा बोर्ड ने रिव्यू के लिए रखा था, उनके सही उत्तरों के अंक अंतिम परिणाम में शामिल नहीं किए गए है। इस वजह से कई छात्रों के नंबर कम हो गए हैं और मेरिट लिस्ट में उनका स्थान प्रभावित हुआ है। इसमें मध्य प्रदेश के इंदौर संभाग के तीन हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स ने इस मुद्दे पर नाराजगी जताई है। (mp news)

पारदर्शिता पर उठे सवाल

परीक्षार्थियों का आरोप है कि इस बार परीक्षा बोर्ड न केवल रिव्यू प्रश्नों के अंक जोड़ने में विफल रहा बल्कि आंसर शीट और प्रश्न पत्र भी अवलोकन के लिए उपलब्ध नहीं कराए। छात्रों का कहना है कि यहां पारदर्शिता की गारंटी देने वाले कोर्ट के निर्देशों का भी पालन नहीं किया गया ।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

हालांकि, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पहले ही नेशनल बोर्ड ऑफ़ एग्जामिनेशन (NBE) को परीक्षा कराने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने एनबीई से कहा था कि छात्रों को नए परीक्षा केंद्र चुनने का अवसर मिले। साथ ही परीक्षा प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ करने के निर्देश भी दिए थे। लेकिन यहां छात्रों का कहना है कि एनबीई इन निर्देशों का पालन करने में नाकाम रहा।

कोर्ट की शरण में जाएंगे छात्र

नीट पीजी परीक्षा (NEET PG exam) का आयोजन एमडी (MD), एमएस (MS) और पीजी डिप्लोमा कोर्सों के लिए किया जाता है। इसे पास करने के बाद ही मेडिकल स्नातक आगे की पढ़ाई कर पाते हैं। इस बार परीक्षा में पहले ही देरी हुई और अब रिजल्ट विवाद ने छात्रों की चिंता को बढ़ा दिया है। रिव्यू प्रश्नों के अंक नहीं जोड़ने और आंसर शीट उपलब्ध नहीं कराने से नाराज छात्र अब कोर्ट की शरण लेने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि न्यायिक हस्तक्षेप के बिना निष्पक्ष परिणाम मिलना मुश्किल है।