प्राप्त जानकारी के अनुसार, कोई पूछता है कि, तुमने आग क्यों लगाई? जब पुलिस ने पकड़ा तो हाथ-पैर कैसे टूट गए? तुम्हारे कारण 7 लोग जिंदा जल गए, उनकी मौत का पश्चाताप कैसे करोगे? पर आरोपी संजय उर्फ शुभम या तो मौन रहता है या मां से मिलाने की जिद करने लगता है। दूसरी तरफ पुलिस अधिकारी भी जल्द से जल्द उसके हाथ और पैर पर बंधे प्लास्टर के कटने के इंतजार में हैं। इसके लिए वो रोजाना जेल अस्पताल पहुंचकर आरोपी के हालचाल का अपडेट ले रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सके।
जेल सूत्रों के अनुसार, आरोपी को 6 दिन पहले विजय नगर थाने से कोर्ट में पेश किया गया था, जहां पर पूछताछ पूरी होने के बाद कोर्ट ने उसे सेंट्रल जेल भेज दिया। सेंट्रल जेल में संजय दीक्षित की वर्तमान स्थिति में हाथ और पैर की हड्डियां टूटी थीं। इस कारण से उसे सेंट्रल जेल के अस्पताल में ही भर्ती करा दिया गया है। वहीं, आरोपी के इलाज और देखरेख में लगे चिकित्सकों की मानें तो आरोपी संजय दीक्षित को पूरी तरह स्वस्थ होने में करीब 1 महीने का समय लग सकता है, जिसके बाद आरोपी को सामान्य बैरक में शिफ्ट किया जा सकेगा।
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मां से मिलने की करने लगता है जिद
वहीं, जेल कर्मियों का कहना है कि, आरोपी कई बार परिवार से मिलने की जिद करता है। लेकिन, घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी यहां उससे मिलने अबतक परिवार का कोई सदस्य नहीं आया है। परिवार छोड़ने के बाद उसका परिवार से नाता टूट गया था। लेकिन वह अपनी मां को लगातार याद कर रहा है।
यह था मामला
आपको बता दें कि, बीते 6 मई को इंदौर की स्वर्णबाग कॉलोनी की एक इमारत में आग लगाने के आरोपी संजय उर्फ शुभम दीक्षित को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस अग्निकांड में 7 लोगों की जलने और धुएं से दम घुटने से मौत हो गई थी। पकड़े जाने के बाद आरोपी ने इस वारदात को अंजाम देना कबूल कर लिया। उसने बताया कि, वो मल्टी में रहने वाली एक युवती से प्यार करता था। उसी से विवाद के चलते उसने गाड़ी में आग लगाई थी। पुलिस से बचकर भागने के चक्कर में उसके हाथ-पैर भी टूट गए, जिसके बाद पुलिस उसे घायल हालत में देर रात एमवाय अस्पताल लेकर पहुंची।
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