
ओपीडी में इस तरह मशीन से दिए जा रहे टोकन (इनसेट)। टोकन लेने के बाद काउंटर से रसीद कटाकर इंतजार करते मरीज।
एमवायएच की ओपीडी में टोकन सिस्टम लागू होने से मरीजों को इसका फायदा मिल रहा है। पहले ओपीडी की लाइन में लगकर पर्ची कटवाने में लगभग 45 मिनट या कभी एक घंटे का समय भी लग जाता था। अब यह काम 15 मिनट में पूरा हो रहा है। इससे मरीज जल्दी संबंधित विभागों में पहुंच नंबर लगा रहे हैं।
एमवायएच अस्पताल में पिछले कुछ माह से ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 3500 से 3800 तक पहुंच चुकी हैं। सोमवार से मंगलवार या छुट्टी के बाद वाले दिन यह लगभग 4000 से अधिक होती है। ऐसे में काउंटर पर भीड़ बढ़ने से मरीज लाइन में लगकर इंतजार करते हैं। टोकन सिस्टम से अब काउंटर पर भीड़ भी कम नजर आ रही है। ऐलान कर व स्क्रीन के माध्यम से टोकन नंबर की जानकारी दी जा रही है।
बैठने के लिए लगाई कुर्सिंयां
ओपीडी में ही मरीजों व उनके परिजनों के बैठने के लिए कुर्सिंयां लगाई गई है। इससे टोकन प्राप्त करने व पर्ची कटवाने के बाद मरीज बैठकर इंतजार करते हैं। अस्पताल प्रबंधन इन कुर्सिंयों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ाएगा।
इस तरह है प्रक्रिया
- मरीज के नई ओपीडी में पहुंचने पर उसे पूछताछ केंद्र के पास लगी मशीन से टोकन प्राप्त करना होगा।
- इस टोकन पर लिखे काउंटर नंबर पर जाकर पर्ची कटवानी होगी। मशीन के माध्यम से टोकन संख्या व काउंटर की जानकारी का ऐलान किया जा रहा है।
- रसीद कटवाने के बाद संबंधित विभाग में जाकर रसीद बतानी होगी।
- डॉक्टर को दिखाने के बाद दोबारा आने पर सीधे विभाग के बाहर के काउंटर से पर्ची बनेगी, जिससे समय भी बचेगा।
टोकन सिस्टम लागू किया गया है। अभी इसका ट्रायल चल रहा है। एक साथ अधिक मरीज आने पर यह किस तरह काम करता है यह भी देखा जा रहा है। मरीजों के बैठने के लिए कुर्सी व काउंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी।
- डॉ. पीएस ठाकुर, अधीक्षक, एमवायएच
Updated on:
25 Nov 2023 08:10 am
Published on:
25 Nov 2023 08:08 am
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