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राजा रघुवंशी हत्याकांड: सोनम के दो साथियों ने किया खेला, शिलोम सहित तीन आरोपियों को पुलिस रिमांड

Raja Raghuvanshi murder case: मामले में गिरफ्तार आकाश और आनंद कोर्ट के सामने अपने बयानों से पलट गए और बड़ा खेला करने का प्रयास किया। इस दौरान इंदौर में सोनम (sonam raghuvanshi) को फ्लैट दिलवाने वाले शिलोम, चौकीदार बलवीर और बिल्डिंग मालिक लोकेन्द्र को पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है।

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इंदौर

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Akash Dewani

Jun 27, 2025

Big update on Raja Raghuvanshi murder case sonam raghuvanshi

Big update on Raja Raghuvanshi murder case sonam raghuvanshi (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)

Raja Raghuvanshi murder case: ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड में 3 आरोपियों को एसआइटी ने गुरुवार को शिलांग की कोर्ट में पेश किया। सभी को छह दिन के रिमांड पर लिया है। बुधवार को शिलांग पुलिस की एसआइटी सोनम (sonam raghuvanshi) को किराये पर फ्लैट देने वाले शिलोम जेम्स निवासी महालक्ष्मी नगर, चौकीदार बलवीर अहिरवार, बिल्डिंग मालिक लोकेंद्र तोमर को ट्रांजिट रिमांड खत्म होने के पहले शिलांग लेकर पहुंची।

भेजा गया पुलिस रिमांड पर

गुरुवार को तीनों को जिला कोर्ट में पेश कर 6 दिन पुलिस रिमांड पर लिया है। एसआइटी को अंदेशा है कि आरोपी और भी बातें छिपा रहे हैं। सोनम, राज सहित पांच आरोपियों से अहम जानकारी मिली है। इस आधार पर इन तीनों से पूछताछ होगी। हत्याकांड के महत्वपूर्ण सबूतों की कड़ी जोड़ी जाएगी ताकि केस को मजबूत बनाया जा सके।

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आरोपियों ने बदला बयान

एसआईटी प्रभारी हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर के अनुसार, मामले में गिरफ्तार आकाश और आनंद ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने पहले के कबूलनामे से पलटते हुए जुर्म से इनकार कर दिया है। जबकि पुलिस पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने हत्या में अपनी भूमिका स्वीकार की थी। हालांकि, एसआईटी का दावा है कि उनके पास आरोपियों की संलिप्तता और साजिश को साबित करने के लिए पर्याप्त भौतिक और डिजिटल सबूत मौजूद हैं।

चैट और रिकॉर्डिंग से भी केस होगा मजबूत

SIT का कहना है कि सोनम और राज कुशवाह की आपसी चैट्स और वॉयस रिकॉर्डिंग्स भी साजिश की पुष्टि करने में मदद कर सकती हैं। बयान बदलने से केस की दिशा भले बदलने की अटकलें लगाई जा रही हों, लेकिन जांच एजेंसी का दावा है कि तकनीकी और वैज्ञानिक सबूत केस को कमजोर नहीं होने देंगे।

अब देखना होगा कि अदालत इन उलझते बयानों और डिजिटल साक्ष्यों के बीच किस निष्कर्ष तक पहुंचती है। फिलहाल, मामले की हर परत पर SIT की नजर है और टीम का कहना है कि आरोपी किसी भी कानूनी तकनीक से बच नहीं पाएंगे।