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Ram Navami 2024: रामनवमी पर रथ पर सवार होकर निकलेंगे रामलला, पुरानी मूर्ति के कर सकेंगे दर्शन

Ram Navami 2024 : Ramlala Rath Yatra on Ram Navami- पंचकुइया के श्रीराम मंदिर से यह राम रथ यात्रा निकलेगी जिसमें घोड़ों पर ध्वज वाहक सवार होंगे। रथयात्रा में हजारों लोग भगवा ध्वज फहराते हुए शामिल होंगे।

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रामनवमी पर इंदौर में बड़ा आयोजन

Ram Navami 2024 : Ramlala Rath Yatra on Ram Navami रामनवमी पर इंदौर में बड़ा आयोजन होगा। यहां इस दिन रथयात्रा निकाली जाएगी जिसमें रामलला रथ पर सवार होकर निकलेंगे। इस रथयात्रा में भक्त 501 साल प्राचीन रामलला की मूर्ति के दर्शन कर सकेंगे। पंचकुइया के श्रीराम मंदिर से यह राम रथ यात्रा निकलेगी जिसमें घोड़ों पर ध्वज वाहक सवार होंगे। रथयात्रा में हजारों लोग भगवा ध्वज फहराते हुए शामिल होंगे।

इंदौर में रामनवमी Ram Navami 2024 पर निकलनेवाली श्रीराम रथ यात्रा के लिए सबसे पहले खजराना गणेश को आमंत्रित किया गया। इस परंपरागत यात्रा के लिए पंचकुइया पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर रामगोपालदास पूजन-अर्चन कर खजराना गणेश को आमंत्रण अर्पित किया।

खजराना गणेश को आमंत्रित करने के लिए विधिवत पूजा पाठ की गई। विधायक रमेश मेंदोला, जानकी वल्लभ दास महाराज आदि की उपस्थिति में
खजराना गणेश को श्रीराम रथ यात्रा में आंमत्रित किया।

रामनवमी यानि 17 अप्रैल को श्रीराम रथ यात्रा पंचकुइया श्रीराम मंदिर आश्रम से शाम चार बजे निकलेगी। यात्रा में अयोध्या के श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति प्रमुख आकर्षण होगी। इस बार रथयात्रा में हनुमानजी की झांकियां भी प्रदर्शित की जाएंगी। मथुरा, वृन्दावन, अयोध्या,चित्रकूट के साधु-संत भी रथयात्रा में शामिल होंगे।

श्रीराम रथयात्रा में कई घोड़े और हाथी भी रहेंगे। बग्घी बैंडबाजे के साथ यात्रा आगे बढेगी। घोड़ों पर युवा ध्वज लेकर बैठेंगे और यात्रा में शामिल लोग भगवा ध्वज लेकर चलेंगे।

इंदौर के पश्चिम क्षेत्र पंचकुइया में राम मंदिर श्रीराम की बाल स्वरूप की मूर्ति स्थापित है। यहां श्यामवर्ण के रामलला विराजित हैं जहां उनकी बालक की तरह देखभाल की जाती है। यहां अयोध्या के रामलला मंदिर की तर्ज पर जन्म आरती की जाती है।

सुबह मंगल आरती की जाती है और इसमें सूखे-मेवे मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। श्रृंगार आरती कर माखन-मिश्री का भोग लगाते हैं। दोपहर 12 बजे राजभोग आरती होती है। मध्यान्ह में श्रीराम की पूजा व आरती की जाती है। शाम को श्रीराम को जल पिलाया जाता है और फल अर्पित किए जाते हैं। शयन के समय दूध चढ़ाते हैं।

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