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‘गणतंत्र’ में लड्डू की मिठास, 10 हजार क्विंटल से ज्यादा की बिक्री

#republicday: शहर की 99 फीसदी संस्थाओं और स्कूलों में बांटे गए लड्डू, गणतंत्र दिवस पर हर साल खिल जाते हैं लड़्डू बनाने वालों के चेहरे, इस बार भी जमकर हुई बिक्री...

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Republicday

#Republicday celebration with Laddu in Indore MP

#Republicday: गणतंत्र दिवस पर खुशी के जश्न में इस बार भी लड्डुओं की मिठास भरी है। शहर भर के विभिन्न संस्थानों में लगभग 10 हजार क्विंटल से अधिक लड्डुओं का वितरण किया गया है। इस मिठास के लिए विशेषकर छोटी बूंदी के लड्डू बनते हैं, जिन्हें देशी घी के साथ केसरिया और पीले रंग में तैयार किया जाता है। गणतंत्र दिवस से पिछले तीन दिन तक शहर में लड्डू बनाने का काम चला।

संस्थान बढऩे से मांग बढ़ी

लगभग 10 वर्ष पहले की बात करें, तो शहर में शिक्षण संस्थानों की संख्या बहुत कम थी। अब स्कूल और कॉलेज, दोनों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसलिए लड्डुओं की मांग भी बढ़ी है। पिछले वर्षों की तुलना में लड्डुओं की मांग गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रति वर्ष 10 से 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। लड्डुओं का वितरण सिर्फ शिक्षण संस्थानों में ही नहीं बल्कि, सरकारी व निजी कार्यालयों में भी किया जाता है।

बचपन से लेकर अब तक… छूटा नहीं तो बस लड्डू का क्रेज

पत्रिका टीम ने मिष्ठान की दुकानों पर आए कुछ वरिष्ठजनों से बातचीत की तो उन्होंने बताया….जब हम छोटे थे तो गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस पर विशेष रूप से इंतजार रहता था कि आज स्कूल में लड्डू मिलेगा…चालाकी से एक की बजाय अगर दो लड्डू लेकर आ जाते तो पूरे दिन इतराते थे। अब आज भी लड्डू का वही दौर बरकरार है। हालांकि अब इतना उत्साह नहीं रहता है लेकिन 90 से 99 फीसदी स्कूलों, सरकारी, अद्र्ध सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं में इन खास दिन लड्डू का वितरण ही किया जाता है। एक तरह से लड्डू वितरण परंपरा में शामिल हो गया है।

पिछले 47 वर्षों से तैयार कर रहे लड्डू

हम शहर में पिछले 47 से भी अधिक वर्षों से लड्डू बना रहे हैं। संस्थानों के लिए लड्डू के ऑर्डर पहले मेरे पिता लिया करते थे। अब हम इस कार्य को कर रहे हैं। वितरण के लिए बनाए जाने वाले लड्डुओं को तीन दिन पहले से बनाना शुरु किया जाता है। इसे संस्थान की मांग के अनुसार रंग और ड्राय फ्रूड्स के साथ तैयार किया जाता है।

-विवेक शर्मा, मिष्ठान संचालन।

लड्डुओं के साथ पेड़े वितरण का भी चलन

गणतंत्र दिवस सहित अन्य अवसरों पर शहर में लडडू के साथ ही पेड़े वितरण का भी चलन है। इसलिए शहर के संस्थानों में वितरण के लिए लड्डू व पेड़े, दोनों तरह की मिठाइयों को बनाया जाता है। लड्डुओं की मांग अधिक होती है। इसलिए लड्डुओं को अधिक मात्रा में बनाया जाता है। हर वर्ष ऐसे अवसरों पर ङ्क्षक्वटलों से लड्डू तैयार किए जाते हैं।

- प्रकाश रौठार, मिष्ठान संचालक।

लड्डुओं में रंगों की वैराइटी

सामान्य पीला रंग केसरिया रंग हरे, पीले और लाल बूंदी वाले लड्डू।

वितरण में कुछ खास

ड्राय फ्रूट लड्डू खरबूज बीज वाले लड्डू

काजू मिक्स लड्डू

पिस्ता स्पेशल लड्डू

लड्डुओं का भाव प्रति किलो

सामान्य बूंदी लड्डू 600 रुपए

मारवाड़ी बूंदी लड्डू 700 रुपए

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