60 हजार स्थानों पर लगेंगे सीसीटीवी दरअसल स्मार्ट सिटी की डाटा पॉलिसी को शासन से अनुमति मिल गई है। इसके तहत शहर में 60 हजार से अधिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे शहरवासियों को अपने खर्च पर घरों और प्रतिष्ठानों के बाहर लगाने होंगे। जिनका एक्सेस स्मार्ट सिटी के एकीकृत कमांड कंट्रोल सेंटर में भी होगा।
शत-प्रतिशत सीसीटीवी सीसीटीवी से लैस करने के लिए स्मार्ट सिटी ने डाटा (कैमरा) पॉलिसी तैयार कर राज्य शासन को भेजी थी। शासन से इसे अनुमति मिल गई है।अब स्मार्ट सिटी सीईओ, महापौर और शासन के प्रतिनिधियों की जल्द बैठक होगी। इसके बाद शहरभर में कैमरे लगाने का काम चालू किया जाएगा।100 से अधिक लोगों के आवागमन वाले स्थान पर कैमरे लगाना अनिवार्य होगा। एक साल शहरवासियों के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद सीसीटीवी न मिलने पर जुर्माना लगेगा।
गोपनीयता और निजता का रखा जाएगा ध्यान डाटा पॉलिसी सार्वजनिक और निजी स्थानों दोनों पर लागू होगी। सड़क, चौराहे, बाजार, पार्क, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, रेलवे-बस स्टैंड, आवासीय सोसायटी, शॉपिंग मॉल आदि सहित निजी स्थानों पर कैमरे लगाने होंगे। सीसीटीव्ही से मिलने वाला डाटा गोपनीय रहेगा।आवश्यकता पढने पर जैसे अपराधियों को पकड़ने,पहचान करने आदि में ही इसका उपयोग किया जाएगा। इस दौरान यह भी ध्यान रखा जाएगा कि इससे किसी की भी निजता भंग न हो।
यहां होंगे अनिवार्य 01. निजी,कॉमर्शियल, धार्मिक, अस्पताल, शैक्षणिक, खेल परिसर, सभागार, मनोरंजन स्थल, होटल, बैंक, कन्वेंशन सेंटर, सार्वजनिक स्थल जैसे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन । 02-आवासीय बस्ती,रहवासी सोसायटी, गेट युक्त कॉलोनी सभी में एंट्री और एग्जिट पर कैमरे लगाने होंगे।
03- सभी सभाएं व आयोजन जिसमें एक हजार और इससे अधिक लोगो के आने की संभावना हो उनमें भी सीसीटीवी लगाने अनिवार्य होंगे। 04 कम से कम 30 दिन तक की रिकार्डिंग सेव करनी होगी।
05- करीब 60 हजार सीटीवी लगेंगे। नगर निगम मोटे तौर पर पहले ही 13 हजार 170 ऐसे स्थलों को चिन्हित कर चुका है। अभी और भी इसमें चिन्हित होंगे। 06-शहर में 1500 वर्गफीट और इससे अधिक एरिया वाले व्यवासायिक संस्थान में सड़क की ओर मुंह करते हुए कैमरे लगाने होंगे, पार्किंग में भी कैमरे होंगे। ताकि आने-जाने वालों का रिकार्ड रखा जा सके।
07-ऐसे सभी स्थल है जहां एक समय में सौ या अधिक लोग आते-जाते हो। शहर के नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता मे है, महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक इंदौर को स्वच्छ के साथ सुरक्षित शहर बनाने की तैयारी है। यह हमारा पहला कमिटमेंट था,पहली एमआइसी मीटिंग में इसको लेकर चर्चा की थी,और प्रस्ताव पास किया था।प्रोजेक्ट तैयार कर इसकी अनुमति देने के लिए शासन को भेजा था, प्रोजेक्ट को शासन से मंजूरी मिल गई है। यह कदम अपराधों पर अंकुश लगाने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।इसका वार्षिक परीक्षण भी किया जाएगा