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‘आप पर 24 गंभीर केस दर्ज हैं, बचना है तो…’ फायनेंसर की पत्नी हुई डिजिटल अरेस्ट

MP News: ठगों ने फोन कर खुद को कोलाबा थाना मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और उनके खिलाफ 24 केस दर्ज होने की झूठी धमकी देकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास किया।

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: आप पर 24 गंभीर केस दर्ज हैं। दो घंटे में सिम बंद हो जाएगी। जब तक जांच चल रही है, आप फोन के सामने से कहीं जा नहीं सकते… यह बात पुलिस अगर सुबह किसी को फोन कर कहे तो किसी के भी पैरों तले जमीन खिसक जाए लेकिन इंदौर के दंपती ने ठगों की इस नई चाल को नाकाम कर दिया। इतना ही नहीं, क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी को फोन कर तत्काल जानकारी देकर घर बुला लिया।

बंगाली चौराहा स्थित फाइनेंसर की पत्नी को रविवार सुबह ठगों ने फोन कर खुद को कोलाबा थाना मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और उनके खिलाफ 24 केस दर्ज होने की झूठी धमकी देकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने का प्रयास किया। दबाव इतना था कि घबराई महिला फोन पर लगातार बात करने लगी। उनके पति ने सूझबूझ दिखाई और सीधे क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया से संपर्क किया।

धमकियां देने लगे, काट दिया कॉल

महिला के पति ने बताया कि, ठग रविवार सुबह 11. 09 बजे से पत्नी से बात कर रहा था। वह कह रहा था कि उनके नाम से सिम निकलवा कर कई अपराध किए गए हैं। शुरुआत में पत्नी घबरा गई। मुझे बुलाया तो मैंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस बात से ठग आक्रोशित हो गए और धमकियां देने लगे। मैंने दूसरे कमरे में जाकर एडिशनल डीसीपी को कॉल किया।

उन्होंने कहा कि ठग से बातचीत जारी रखें, वे मौके पर पहुंच रहे हैं। 12.30 बजे जब पुलिस टीम पहुंची, तब तक ठग को बता दिया था कि पुलिस से संपर्क किया है। यह सुनते ही नकली ‘अफसर’ वीडियो कॉल पर गाली-गलौज करने लगा और कॉल काट दिया। इसके बाद उसने फोन उठाना बंद कर दिया।

डरें नहीं, पुलिस को बताएं

एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि यह साइबर अपराधियों की तकनीक है, जिसमें वे पीड़ित को घंटों फोन पर उलझाकर रखते हैं। इस मामले में सबसे अच्छी बात यह रही कि दंपती ने एक रुपया भी नहीं दिया और समय रहते उनसे संपर्क कर लिया। सभी से अपील है कि यदि किसी कॉल में सामने वाला खुद को पुलिस अधिकारी, बैंक अधिकारी या सरकारी एजेंसी का कर्मचारी बताकर केस दर्ज होने या खाता सीज करने की धमकी दे, तो डरें नहीं। तुरंत पुलिस से संपर्क करें।

‘केस से बचना है तो जांच में सहयोग करें…’

पीड़िता ने बताया कि ठग ने उन्हें पहले ‘ट्राई’ से कॉल आने का झांसा दिया गया। कॉलर ने कहा कि उनका मोबाइल नंबर दो घंटे में बंद हो जाएगा। विकल्प के तौर पर उनसे ‘0’ दबाने को कहा गया। जैसे ही उन्होंने निर्देश पूरा किया। शून्य दबाया, दूसरी तरफ से आवाज आई कि आपके नाम पर 24 गंभीर केस दर्ज हैं, आपको कोलाबा (मुंबई) पुलिस स्टेशन में जॉइन करवा दिया जाएगा।

महिला को लगातार कहा गया कि अगर केस से बचना चाहती हैं तो फोन पर बने रहकर वह जांच में सहयोग करें। इसके साथ ही जो बताया जा रहा है, वही लिखें। ठगों ने उन्हें एक ‘कंप्लेंट नंबर’ भी नोट करवाया और फिर पूछताछ के बहाने दबाव बनाते रहे।