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हैवान पत्नी ने प्रेमी संग मिल कर दी पति की हत्या, मरने के बाद भी 23 बार चाकू से किया वार

Indore Murder Case: प्रेम त्रिकोण में गई निर्दोष पति की जान, हैवान पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर की थी पति को रास्ते से हटाने की प्लानिंग, हत्या की खौफनाक वारदात को दिया था अंजाम, अब दोनों जेल में काटेंगे पूरी जिंदगी...

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बस्तर में भी बंद हो टोल वसूली (Photo source- Patrika)

बस्तर में भी बंद हो टोल वसूली (Photo source- Patrika)

Indore Murder Case: प्रेम त्रिकोण में पति की हत्या करने वाली पत्नी और उसके प्रेमी को अपर सत्र न्यायाधीश गंगाचरण दुबे की कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में अनैतिक प्रेम प्रसंग के लगातार बढ़ते मामलों के कारण समाज पर हो रहे असर पर गंभीरता से विचार करने को जरूरी माना है।

ये है मामला

अतिरिक्त लोक अभियोजक योगेश जायसवाल ने बताया, खजराना थाना क्षेत्र के अशरफी नगर निवासी स्क्रैप व्यापारी हनीफ उर्फ बबलू की 29 मार्च 2019 को हत्या हुई थी। हत्या पत्नी फिरोजा ने प्रेमी मुन्ना (इम्तियाज) के साथ मिलकर की थी। मुन्ना रिश्ते में बबलू का भाई था। फिरोजा और मुन्ना के अवैध संबंध थे। दोनों ने अपने संबंधों में पति के दिक्कत बनने पर हत्या कर दी। फिरोजा ने बबलू को नींद की गोली देकर सुला दिया और रात में इम्तियाज को घर बुलाया। दोनों ने पहले बबलू के सिर पर डंडे से वार किया, सिर में गहरी चोट से मौत हो गई।

मौत के बाद भी 23 बार चाकू से वार

उसके बाद दोनों ने मौत निश्चित करने के लिए चाकू से एक के बाद एक 23 वार किए। पहला वार गर्दन पर किया। लाश की जेब में एक लड़की का फोटो रखा और उसे बोरे में भरकर इम्तियाज घर से कुछ दूर सड़क पर फेंक आया था। कोर्ट में पुलिस ने उनकी मोबाइल लोकेशन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सबूत पेश किए। कोर्ट ने पत्नी और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास और साक्ष्य छुपाने की धाराओं में 3 साल की सजा सुनाई है। दोनों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

दो दशक से बढ़े हैं अनैतिक प्रेम प्रसंगों के कारण हत्या के मामले

कोर्ट ने कहा, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि दो दशक से अनैतिक प्रेम प्रसंगों के कारण होने वाली हत्याओं की दर में अत्यधिक वृद्धि हुई। पत्नी द्वारा अनैतिक संबंधों के कारण प्रेमी से मिलकर हत्या जैसे गंभीर अपराधों एवं साक्ष्य छुपाने के कृत्यों से समाज पर पड़ने वाले व्यापक प्रभाव पर गंभीरता से विचार आवश्यक है।

कोर्ट द्वारा दोनों को दोषी करार देने के बाद सजा के प्रश्न पर सुनवाई हुई। इस दौरान उनके वकील ने फिरोजा के महिला होने व इम्तियाज के नवयुवक होने के चलते कम से कम सजा देने की गुजारिश की। कोर्ट ने यह कहते हुए दलील खारिज कर दी कि अपराध की कोई जाति, धर्म या लिंग नहीं होता। अपराधी के लिए न्याय प्रणाली को समान रूप से कार्य करना होता है।

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