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महाकाल में प्रतिमाओं पर नहीं होगा धूप-बारिश का असर, पत्थर से छह गुना सस्ती

700 कलाकारमोदी के सामने देंगे प्रस्तुति....

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Mahakal temple

उज्जैन। महाकाल लोक में 6 से 25 फीट तक करीब 190 प्रतिमाएं लगाई गई हैं। लगभग सभी प्रतिमाएं खुले में लगी हैं। यानी बारिश में गीली होंगी। गर्मी में धूप भी पड़ेगी। ऐसे में इनकी उम्र, गुणवत्ता, संधारण को लेकर सवाल उठे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार कुछ प्रतिमाएं पत्थर की हैं, जबकि 170 से ज्यादा प्रतिमाएं एफआरपी (फाइबर रिइंर्फोस्टड प्लास्टिक) मटैरियल से तैयार की गई हैं। यह विशेष मटैरियल होता है, जिसकी लाइफ अन्य कई धातु व मटैरियल की तुलना में ज्यादा होती है। प्रोजेक्ट आर्किटेक्ट कृष्णमुरारी शर्मा ने बताया, ऐसी ही विशेषताओं के कारण प्रतिमाओं के निर्माण में एफआरपी का उपयोग किया गया है, ताकि वर्षों तक इन्हें कोई नुकसान न हो।

ये है कम खर्चीला

महाकाल लोक में शिव कथाओं पर आधारित ज्यादातर बड़ी मूर्तियां एफआरपी से बनाई गई हैं। एफआरपी और पत्थर से बनी प्रतिमा की कीमत में 5 से 6 गुना तक का अंतर है। बताया जा रहा है कि पत्थर से यदि 25 फीट ऊंची प्रतिमा का सेट बनाते हैं तो एक करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च आता है। वही प्रतिमा एफआरपी से बनाने पर लागत 20-25 लाख रुपए तक होगी।

पीएम मोदी के आगमन पर उनके समक्ष मालवा की कला संस्कृति की झलक नृत्य के जरिए दिखाई जाएगी। पीएम के स्वागत के लिए देशभर से आए 700 से ज्यादा नृत्य कलाकार शिव वंदना सहित धार्मिक अनुरूप सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे। इसकी रिहर्सल की जा रही है।

फाइबर रिइंर्फोस्टड प्लास्टिक फाइबर बहुलक से बनी मिश्रित सामग्री है। स्टील, लकड़ी, एल्यूमीनियम, कांक्रीट जैसी सामग्री के स्थान पर इसका प्रयोग किया जाता है।

यह है खासियत

ज्यादातर धातुओं की तुलना में हल्का, जंगरोधक, जलरोधक है। रखरखाव पर न्यूनतम खर्च। नमी, कवक और जिवाणु आदि के लिए अभेद्य है।

पीएम के सामने देंगे प्रस्तुति

पीएम मोदी के आगमन पर उनके समक्ष मालवा की कला संस्कृति की झलक नृत्य के जरिए दिखाई जाएगी। पीएम के स्वागत के लिए देशभर से आए 700 से ज्यादा नृत्य कलाकार शिव वंदना सहित धार्मिक अनुरूप सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे। इसकी रिहर्सल की जा रही है।

90 हजार कुर्सियों का इंतजाम

कार्तिक मेला प्रागंण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आमसभा को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है। यहां करीब 3.50 लाख वर्गफीट में डोम बनाया गया है। इसमें से लगभग 1.50 लाख वर्गफीट का डोम वाटरप्रूफ है। मेला प्रांगण में बने डोम में सवा लाख तक लोग आ सकते हैं। सभा सुनने वालों के बैठने के लिए 90 हजार कुर्सियों का इंतजाम किया गया है।

1. पंडाल समिति के संयोजक उल्लास वैद्य ने बताया, सभा में शामिल होने 4 गेट बनाए गए हैं।

2. भाषण सुनने के लिए चार से पांच स्थानों पर एलइडी लगाई जा रही हैं।

3. ज्यादा लोग आ सकें, इसलिए करीब 200 मीटर लंबी दीवार तोड़ी गई।

4. सभा स्थल पर चार डिस्पेंसरी बनाई गई हैं।

5. इन डिस्पेंसरी में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ को नियुक्त किया गया है।

6. आइसीयू की सुविधा, एंबुलेंस भी तैनात रहेगी।

7. सभा स्थल पर दो मंच बनाए गए हैं। एक पर मोदी तो दूसरे पर संत बैठेंगे।