
ये 3 बहादुर न होते तो और भी भयावह होता इंदौर अग्निकांड, एक तरफा प्यार की सनक में गईं 7 जानें
इंदौर. मध्य प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर में एक तरफा प्यार की भेंट चढ़े 7 निर्दोषों की मौत ने देशभर को सकते में डाल दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस घटना पर दुख व्यक्त कर चुके हैं। घटना में एक तरफ तो सनकी युवक का एक तरफा प्यार दिल दहला देने वाली वारदात का सबब बना, तो वहीं इस मामले में तीन ऐसे भी लोग हैं जो समय रहते अपनी सूझबूझ और बहादुरी का परिचय न देते तो 7 लोगों के लिए काल बनी ये घटना और भी भयावह होती।
रईस पटेल ने घर के ड्रमों में रखे पानी से बुझाई थी आग
शहर के विजय नगर इलाके की स्वर्ण बाग कॉलोनी में घटना वाले मकान के पड़ोस में रहने वाले रईस पटेल को जैसे ही पता चला कि, पड़ोस के मकान में आग लग गई है तो उन्होंने तुरंत ही अपने घर में पानी से भरे सारे ड्रम खाली करके आग बुझाना शुरु कर दिया। इलाके के लोगों का आरोप है कि, जैसे ही आग भड़की थी लोगों ने फायर ब्रिगेड को इस संबंध में सूचित किया था। बावजूद इसके फायर अमला मौके पर करीब एक घंटे बाद पहुंचा, तबतक आग पर काबू पा लिया गया था। ऐसे में अगर रईस समेत आसपास के लोग दमकल दल के आने का इंतजार करते तबतक इमारत में शायद कोई भी जिंदा न रहता।
दिलीप भगोरिया ने खिड़की तोड़कर लोगों को बिल्डिंग से बाहर निकाला
इलाके में ही रहने वाले दिलीप भगोरिया को भी जब दो मंजिला इमारत में आग लगने की सूचना मिली तो समय रहते उन्होंने भी अपनी सूझबूझ और बहादुरी का परिचय देते हुए जान की परवाह किये बिना आग की लपटों में घिरे लोगों को बचाने के लिए बिल्डिंग की खिड़की तोड़ दी। इसी खिड़की से करीब 9 लोगों को उन्होंने रेस्क्यू कर बाहर निकाला। इन्हीं 9 लोगों में से कुछ थोड़े बहुत आग से झुलसकर घायल हुए हैं तो कुछ सांस लेने की दिक्कत से ग्रस्त हुए, जिन्हें तुरंत ही उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। अगर दिलीप समय रहते खिड़की तोड़कर लोगों को बाहर न निकालते तो शायद अंदर फंसे संबंधित लोग उन 7 मृतकों की तरह आग में झुलसकर या दम घुटने से जान गवा चुके होते।
एजाज खान ने मोटरसाइकिल पर बैठाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया
बता दें कि, जिन लोगों को इमारत से बाहर निकाला जा रहा था, वो या तो चोटिल थे या आग से झुलसे हुए थे या फिर फैफड़ों में धुआं जाने की वजह से दम घुटने जैसी स्थिति में थे। ऐसे में इलाके के ही रहने वाले एजाज खान ने रात 3 बजे बाहर आ रहे घायलों को तुरंत ही अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर अस्पताल पहुंचाने का काम किया। एमवाय अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि, घटना में मृतकों की संख्या न बढ़ने की बड़ी वजह ये भी है कि, उन्हें जल्दी ही ऑब्जरवेशन में ले लिया गया था, वरना आग के घुएं से अधिक ग्रस्त होने वालों के बचने की संभावनाएं काफी कम होतीं।
जिसे समझ रहे थे शॉर्ट सर्किट, वो निकला सनक का नतीजा
भीषण अग्निकांड का आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। आरोपी ने ये भी कबूल कर लिया है कि, उसने वारदात क्यों की थी। शनिवार शाम तक लोग जिस आग का कारण शार्ट सर्किट को मान रहे थे, उसके बारे में खुद आरोपी ने खुलासा करते हुए वारदात को अंजाम देने की पूरी कहानी बताई है। आरोपी ने बताया कि, उसका मकसद तो सिर्फ लड़की की स्कूटी की सीट जलाकर उसे सबक सिखाना था। घटना इतना भयावय रूप ले लेगी, इस बात का तो उसे अंदाजा तक नहीं था।
इस तरह गिरफ्त में आया आरोपी
थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि, स्कीम नंबर 74 के समीप आरोपी संजय लगातार अपने दोस्त विशाल से फोन पर संपर्क में था। चूंकि शनिवार रात तक सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद ये साफ हो गया था कि, घटना शॉर्ट सर्किट की वजह से नहीं बल्कि किसी सफेद शर्ट वाले युवक द्वारा लगाई गई आग की वजह से घटी है। वहीं, इस क्षेत्र में रहने वाली युवती ने इस घटना के पीछे सिरफिरे आशिक संजय का खुलासा किया। पुलिस ने युवती के बताए अनुसार देर रात तक पूछताछ की तो पूरा का पूरा केस ही पलट गया और पूरा मामला ही साफ हो गया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के मोबाइल लोकेशन ट्रैक करके लसूड़िया थाना इलाके के निरंजनपुर चौराहे से गिरफ्तार कर लिया।
Updated on:
08 May 2022 05:01 pm
Published on:
08 May 2022 03:48 pm
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