
इंदौर। UPSC 2019 में जिस प्रदीप सिंह ने देशभर में टॉप किया क्या उन्हें आप जानते हैं। यह वही प्रदीप सिंह हैं जो 2018 में भी यूपीएससी में 93 रैंक के साथ सफल हुए थे। महज 22 साल की उम्र में ही यह 2018 में ही आईआरएस (IRS) अफसर बन गए। उस समय वे एक नंबर से आईएएस बनने से रह गए थे। खास बात यह है कि उन्होंने दोबारा अपना भाग्य आजमाया और बन गए यूपीएससी 2019 के टॉपर। उन्हें देशभर में 26वीं रैंक मिली है। जबकि मध्यप्रदेश में उनकी पहली रैंक आई है।
सिविल सेवा परीक्षा 2019 के टॉपर प्रदीप सिंह का परिवार इंदौर में रहता है और उनके पिताजी पेट्रोल पंप पर काम करते हैं। मूलतः बिहार के गोपालगंज के रहने वाले प्रदीप सिंह पांच साल के थे जब उनका परिवार इंदौर आकर बस गया था।
लसूड़िया क्षेत्र में इंडस सैटेलाइट में रहने वाले प्रदीप ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सोशियोलॉजी विषय से उन्होंने यह सफलता हासिल की है। उन्होंने अपने रिजल्ट से पहले हुए इंटरव्यू के बारे में बताया कि यह एक प्रकार का पर्सनाल्टी टेस्ट होता है। इसमें जैसी है वैसी ही पर्सनाल्टी प्रस्तुत करेंगे तो सफल होंगे। इसमें बनावटी नहीं चलता है। मैं रिवेन्यू डिपार्टमेंट में असिस्टेंट कमिश्नर हूं तो उससे रिलेटेट प्रश्न भी पूछे गए। कोरोना वायरस से रिलेटेट प्रश्न, इंदौर से रिलेटेट प्रश्न भी पूछे गए थे।
दादा की अंतिम इच्छा की पूरी :-:
यूपीएससी टॉप करने वाले प्रदीप सिंह के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। क्योंकि पिता मनोज सिंह पेट्रोल पंप पर काम करते थे। मां हाउस वाइफ हैं। जबकि प्रदीप का भाई प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। प्रदीप बताते हैं कि उनके दादा ने अंतिम इच्छा जाहिर की थी कि उनका पोता सिविल सर्विसेज में जाकर देश की सेवा करें। प्रदीप ने उनके दादा की अंतिम इच्छा पूरी की है।
93वीं रैंक के बाद दोबारा दी परीक्षा :-:
प्रदीप सिंह ने यूपीएससी परीक्षा 2018 में भी सफलता हासिल की थी और वे महज 22 साल में ही आईएएस अफसर बन गए थे। फिलहाल वे भारतीय राजस्व सेवा में असिस्टेंट कमिश्नर हैं। टॉपर बनने की ललक और अपने परिवार की स्थिति को देख उन्होंने यूपीएससी 2019 में भी भाग्य आजमाया और इस बार वे टॉपर बन गए। लिस्ट में 26वीं रैंक उन्हें मिल गई।
घर बेचकर भरी थी कोचिंग की फीस:-:
जब वे पहली बार आईएएस में सफल हुए थे, उसके पहले परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा खराब थी। इंदौर में स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद सिविल सर्विसेस की तैयारियां शुरू कर दी थीं। प्रदीप तैयारी के लिए दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति राह में बाधा बन गई थी। ऐसे में पिता को बेटे की कोचिंग के लिए घर भी बेचना पड़ गया। कहते हैं कि परीक्षा के दौरान उनकी मां की तबीयत भी खराब रहने लगी, लेकिन पिता ने इस बात की भनक उन्हें नहीं लगने दी थी।
प्रदीप ने खुद किया ट्वीट
एक नजर :-:
आईएएस प्रदीप सिंह बचपन से ही होनहार थे। 10वीं और 12वीं कक्षा में 81 फीसदी अंक हासिल किए थे। इंदौर के आईआईपीएस डीएवीवी इंदौर से उन्होंने कामर्स विषय में ग्रेजुएशन किया है।
Updated on:
04 Aug 2020 05:59 pm
Published on:
04 Aug 2020 03:05 pm
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