विनिवेश से पहले एअर इंडिया का मार्केट शेयर बढ़ाने की कोशिश
इस प्लान के तहत, एअर इंडिया को अपने फ्लीट में और अधिक एयरक्राफ्ट जोड़ा जाएगा ताकि विमान कंपनी का मार्केट शेयर पहले की तुलना में बढ़े। साथ ही विशेष कमेटी की मदद से कंपनी के लिए प्रबंधन टैलेंट लाया जाएगा। गौरतलब है कि इस विमान कंपनी पर समेकित तौर पर करीब 55 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। कंपनी का लक्ष्य 2 हजार करोड़ रुपए के सेविंग प्लान पर भी है। साथ ही कंपनी अपने नॉन-कोर परिसंपत्तियों को भी बेचने की तैयारी में है।
इस एयरक्राफ्ट के लिए एअर इंडिया ने किया था डिमांड
सुरेश प्रभु के मुताबिक, आगामी दो महिनों में एअर इंडिया को तीन एयरक्राफ्ट मिलेंगे। इन एअर क्राफ्ट को ड्राई लीज के तौर पर एअर इंडिया को दिया जाएगा। प्रभु ने कहा, “एअर इंडिया ने 27 ए320 नीयो एयरक्राफ्ट्स को लीज पर मांगा था जिसमें से 24 तो पहले ही उसे मुहैया कराया जा चुका है। साथ ही अन्य तीन एयरक्राफ्ट्स को आगामी दो महीनों में जोड़ लिया जाएगा।”
क्या है एअर इंडिया का रिवाइवल प्लान
साल 2018 में, सरकार द्वारा विनिवेश के प्लान के लिए कंपनी को भी खरीदार नहीं मिला। हालांकि, प्रभु ने कहा कि सरकार ने एअर इंडिया के लिए रिवाइव प्लान बनाया है। इसमें एअर इंडिया के वित्तीय पैकेज, नॉन-कोर कर्ज व परिसंपत्तियों को स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) को ट्रांसफर करना है। पिछले महीने, यूनियन कैबिनेट ने एसपीवी बनाने की अनुमति दी थी।
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