मिट्टी के कप का बिजनेस
देश में ज्यादातर लोग प्लास्टिक या स्टील के कप के बजाय मिट्टी के कप में चाय-कॉफी पीना पसंद करते हैं, जिसे हम कुल्हड़ भी कहते है। ये सेहत के साथ पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। लेकिन, इन मिट्टी के कपों की आपूर्ति मांग जितनी पूरी नहीं हो पाती। ऐसे में ये कारोबार का एक अच्छा जरिया हो सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, प्लास्टिक से बने कप पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए लोग मिट्टी के कपों में चाय-कॉफी पीना ज्यादा बेहतर है।
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सरकार कर रही मदद
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार भी आपकी मदद करेगी। बता दें कि मिट्टी के कप या कुल्हड़ बनाने के काम को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार कुम्हार सशक्तिकरण योजना चला रही है। इस योजना के तहत सरकार देश भर में मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों को विद्युत चाक प्रदान करती है। ये चाक बिजली से चलते हैं। इतना ही नहीं केंद्र सरकार ही कुम्हारों से अच्छे दाम पर इन कुल्हड़ों की खरीदारी करती है।
हर महीने 30 हजार की कमाई
मिट्टी के कप से आप महीने में 30 हजार की कमाई कर सकते हैं। आपको बता दें कि इन कप की रेट 50 रु प्रति 100 कुल्हड़ है। वहीं, लस्सी पीने में इस्तेमाल होने वाले ऐसे कपों की कीमत 150 रु प्रति 100 कुल्हड़ है। वहीं मिट्टी के छोटी प्याले का रेट 100 रु प्रति 100 कप है।