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मोदी सरकार के फैसले से ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में आ सकता है इतना बड़ा बदलाव, माॅर्गन स्टेनली ने दिए संकेत

locationनई दिल्लीPublished: Feb 05, 2019 11:01:26 am

Submitted by:

Dimple Alawadhi

ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए नए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को लागू करने के बाद अगर वॉलमार्ट (Walmart) को भारत में कोई फायदा नहीं हुआ तो बहुत जल्द वो फ्लिपकार्ट (Flipkart) के साथ अपनी डील तोड़ सकता है- ऐसा कहना है अमरीकी ब्रोकरेज फर्म माॅर्गन स्टेनली का।

Walmart Flipkart

मोदी सरकार के इस फैसले से ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में हो सकता है इतना बड़ा बदलाव, माॅर्गन स्टेनली ने दिए संकेत

नई दिल्ली। ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए नए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को लागू करने के बाद अगर वॉलमार्ट (Walmart) को भारत में कोई फायदा नहीं हुआ तो बहुत जल्द वो फ्लिपकार्ट (Flipkart) के साथ अपनी डील तोड़ सकता है- ऐसा कहना है अमरीकी ब्रोकरेज फर्म माॅर्गन स्टेनली का। ब्रोकरेज ने 4 फरवरी को ‘Assessing Flipkart Risk to Walmart EPS’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की जिसमें ये जानकारी दी गई थी। आपको बता दें कि भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए नए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को 1 फरवरी से लागू किया गया, जिसके बाद ये निर्णय लिया जा सकता है।


सरकार ने किया था ये बड़ा बदलाव

नए नियम दिसंबर को जारी किए गए थे, जिसके तहत ऑनलाइन रिटेलरों द्वारा किसी कंपनी के उत्पाद एक्सक्लूसिव रूप से बेचने पर रोक लगा दी गई थी। वाणिज्य मंत्रालय ने नए नियमों में यह भी कहा था कि ऑनलाइन रिटेल कंपनियां वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री की कीमत को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित नहीं करेगी और सभी विक्रेताओं के लिए समान अवसर प्रदान करेगी। हालांकि वॉलमार्ट और अमेजन जैसे प्रमुख हितधारकों ने समय सीमा में विस्तार की मांग की थी। वहीं, अन्य कंपनियों जैसे स्नैपडील और कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की अगुवाई में ऑफलाइन रिटेलरों ने सरकार के इस कदम का समर्थन किया।

 

वॉलमार्ट के शेयरों में हुई थी गिरावट

नए नियमों के बाद फ्लिपकार्ट को अपने 25 फीसदी प्रॉडक्ट हटाने पड़ सकते हैं। आपको बता दें कि फ्लिपकार्ट को 50 फीसदी रेवेन्यू स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के जरिए मिलता है, जिसपर सीधा असर पड़ेगा। Cloudtail और Appario Retail ने नए नियमों के लागू होने के बाद से अपने स्टोर से अमेजन के प्रॉडक्ट की बिक्री बंद भी कर दी है। वॉलमार्ट के शेयरों में शुक्रवार दो फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी और अमिजन और वॉलमार्ट के बाजार पूंजीकरण में संयुक्त रूप से 50 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज हुई थी।


16 बिलियन डॉलर की हुई थी डील

आपको बता दें कि वॉलमार्ट इंक ने भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 77 फीसद हिस्सेदारी खरीदी थी। यह डील 16 बिलियन डॉलर में पूरी की गई थी। वॉलमार्ट डील के पूरा होने के साथ ही फ्लिपकार्ट में दो अरब डॉलर की नई शेयरपूंजी लगाएगा ताकि फ्लिपकार्ट के कारोबार का तेजी से विस्तार किया जा सके। कंपनी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि, ‘निवेश का काम पूरा होने के साथ वॉलमार्ट के पास अब फ्लिपकार्ट की 77 फीसद हिस्सेदारी आ गई है। फ्लिपकार्ट की शेष हिस्सेदारी कंपनी के सह संस्थापक बिन्नी बंसल, टेनसेंट, टाइगर ग्लोबल और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के पास है।’

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