कोटक रिसर्च से मिली जानकारी
कोटक रिसर्च में कहा गया है, “वित्त वर्ष 2017 में पेटीएम ने अपने अाप को एक अलग र्इ-काॅमर्स र्इकार्इ के तौर पर स्थापित किया था। लेकिन पेटीएम माॅल के फुल आॅपरेशन के साल यानी 2018 में करीब 1805.60 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।” कोटक ने अपने रिसर्च में कहा है कि वित्त वर्ष 19 में कंपनी का यह नुकसान आैर अधिक ही होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लिपकार्ट आैर अमेजन को ही केवल नुकसान नहीं होगा। बल्कि नए प्रतिस्पर्धी के तौर पर उभर रहे पेटीएम को भी भारी नुकसान होने वाला है। डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 18 में पेटीएम माॅल का कुल राजस्व 744 करोड़ रुपए रहा।
घाटे के बाद भी कंपनियां कर रही भारत में निवेश
रिपोर्ट में कहा गया है कि घाटे के बाद भी वाॅलमार्ट व अमेजन दोनेां अपने भारतीय र्इकार्इयों में लगातार पैसे लगा रहे हैं। हालांकि अलीबाबा द्वारा पेटीएम भी इसी विश्वास के साथ बाजार में पैसे लगा रहा है। वित्त वर्ष 2016 से 2018 के बीच पेटीएम माॅल का कुल घाटा 1971.04 करोड़ रुपए का रहा है जो कि 4508.23 करोड़ रुपए के कुल जुटाए फंड का 44 फीसदी हिस्सा है। वर्तमान में पेटीएम माॅल भारत में तेजी से उभरने वाला तीसरा सबसे बड़ा र्इ-काॅमर्स प्लेटफाॅर्म है। पहले दो प्लेटफार्म में अमेजन व फ्लिपकार्ट शामिल है।