समझौते का असर-
इस समझौते के बाद पीरामल कंपनी की अमेरिकी बाजार में पकड़ मजबूत हो जाएगी अच्छी बात ये है कि इस यूनिट को अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन और यूरोपीय दवा एजेंसी से प्रमाणपत्र मिल चुके हैं, और यहां तरल, क्रीम और मलहम उत्पाद भी बनाए जा सकते हैं।
कोरोनावायरस के लिए बना चुकी है दवाई-
कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ने पर दिन कंपनियों द्वारा इस बीमारी का इलाज करने के लिए दवाई बनाई जा रही है उनमें ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (glenmark pharmaceuticals) का नाम भी शामिल है। जिन लोगों को पहली स्टेज में कोरोना का पता चल रहा है उन मरीजों के इलाज के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिराविर (Favipiravir) को फैबिफ्लू (FabiFlu) नाम से पेश किया है। कंपनी ने इस बात की जानकारी हाल ही में आधिकारिक रूप से दी है। फैबिफ्लू कोविड-19 (COVID-19) के इलाज के लिए पहली खाने वाली फेविपिराविर दवा है। जिसे आधिकारिक रूप से मंजूरी मिली है।
कोरोना के बढ़ते संकट को देखकर इमरजेंसी सिचुएशन के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स (glenmark pharmaceuticals) को फैबिफ्लू (FabiFlu) बनाने की इजाजत दी थी।