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भारतीय टेलीकॉम कंपनियों की चांदी, इंटरनेशनल कॉल्स के लिए ले सकती हैं दोगुना चार्ज

Published: Apr 19, 2020 08:25:11 am

Submitted by:

Pragati Bajpai

बढ़ जाएगी विदेश से आने वाली कॉल्स की कीमत
विदेशी कंपनियों को चुकाना होगा ज्यादा पैसा
दोगुना तक बढ़ सकती है कीमत

international calls

नई दिल्ली: इसी सप्ताह हमने आपको खबर दी थी कि किस तरह से टेलीकॉम कंपनियों के लिए कोरोनावायरस कमाई का मौका बनकर आया है। अब इन कंपनियों के लिए एक अच्छी खबर है । दरअसल भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ( TRAI ) ने मोबाइल सर्विस ऑफरेटर्स को इंटरनेशनल कॉलिंग टर्मिनेशन फीस बढ़ाने की इजाजत दे दी है। ट्राई का कहाना है कि ये कंपनियां 35-65 पैसे प्रति मिनट की दर से शिल्क वसूल सकती है। फिलहाल ये फीस 30 पैसे प्रति मिनट है यानि ये कंपनियां चाहें तो इसे दोगुना कर सकती हैं।

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अंतर्राष्ट्रीय कॉल को दूसरे नंबर से कनेक्ट करने के शुल्क को इंटरनेशनल कॉल टर्मिनेशन चार्ज (आईटीसी) कहा जाता है। इस आदेश के बाद उम्मीद है कि टेलीकॉम कंपनियों के लाभ में इजाफा होगा।

विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों को देंगी चार्ज- आईटीसी का भुगतान इंटरनेशनल लांग डिस्टेंस ऑपरेटर ( ILDO ) द्वारा भारतीय कंपनी को किया जाता है। इससे पहले फरवरी 2018 में TRAI ने इस फीस को 43 फीसदी घटाकर 30 पैसे प्रति मिनट कर दिया था, जिससे कि इंटरनेशनल कॉलिंग सस्ती हो गई थी। तब कंपनियों की तरफ से ट्राई के इस फैसले की बेहद आलोचना हुई थी । अब एक बार फिर से जब कंपनियों को इस बढ़ाने की इजाजत दी गई है तो टेलीकॉम कंपनियों का खुश होना लाजमी है। दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। ट्राई ने कंपनियों की वित्तीय हालत पर विचार करना शुरू किया है। 

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कंपनी खुद तय करेगी फीस- ट्राई ने इस बार फीस बढ़ाने के लिए नई फीस की मिनिमम और मैक्सिमम लिमिट तय कर दी लेकिन फीस कितनी रखनी है ये फैसला आखिर में कंपनियों को लना होगा। ट्राई ने स्पष्ट किया है कि कंपनियों को शुल्क की वसूली में सभी ILDO के साथ समान व्यवहार करना होगा। यानि कंपनी एक फीस निश्चित करेगी और वो उसके सभी दूसरे क्लाइंट्स पर भी लागू होगी।

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