खड़ी हो सकती है जियो के साथ व्यापार बाधा
अधिकारी ने कहा कि आरकॉम ने स्पेक्ट्रम उपयोग के लिए 200 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी पहले ही दे दी है, जिसे दूरसंचार विभाग द्वारा मांगी गई राशि से घटाया जाएगा। अधिकारी ने कहा, “जियो के साथ उनका व्यापार सौदा बाधा उत्पन्न कर सकता है।” स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) वार्षिक शुल्क दूरसंचार प्राकृतिक संसाधन का उपयोग करने के लिए सरकार को भुगतान करना है। भुगतान की ये राशि थोड़ी देर के लिए आॅपरेटर आैर सरकार के लिए गले की हड्डी बनी हुर्इ थी। एडजस्टेड ग्राॅस रेवेन्यु (एजीआर), दूरसंचार उद्योग आैर मुकदमेबाजी के लिए एक विवादित मुद्दा है। बता दें कि इसी आधार पर दूरसंचार कंपनियों के लिए लेवी और शुल्क की गणना की जाती है।
बीते दिन ही कंपनी ने रिलायंस के साथ डील की घोषणा
गुरुवार काे पूरे दिन के करोबार के बाद बीएसर्इ पर आरकाॅम के शेयर्स 0.43 फीसदी की बढ़त के साथ 18.85 रुपये के स्तर पर बंद हुए। साल 2017 के अंत में माली हालत खराब आैर कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते आरकाॅम को अपना कारोबार समेटन पड़ा था। अब कंपनी 18,000 करोड़ रुपये अपने वायरलेस संपत्ति को जियो आैर कनाडा की ब्रुकफील्ड को बेचकर जुटाने की तैयारी में है। बता दें कि कंपनी पर 39 उधारकर्ताआें के 46,000 कराेड़ रुपये बकाया हैं। गुरुवार को ही आरकाॅम ने एक स्टेटमेंट जारी कर जानकारी दी थी कि उसने अपन मीडिया कन्वर्जेंस नोड्स (एमसीएन) आैर उससे संबंधति संपत्तियाें को रिलायंस जियो को 2000 करोड़ रुपये में बेच दिया है।