व्यापारियों ने की सरकार से अपील
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की चीन की पाकिस्तान समर्थित हरकतों से देश के व्यापारी बेहद नाराज है। परोक्ष रूप से चीन भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की मदद करता है। उनकी सरकार से मांग की कि अब चीन चीन से हो रहे व्यापार पर कुछ आर्थिक प्रतिबंध लगाने चाहिए। चीन से ज्यादातर सामान में खिलोने, त्योहारी वस्तुएं, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, मोबाइल, हार्डवेयर, बिजली का सामान, दैनिक उपयोग की वस्तुएं आदि ज्यादातर आयात होती हैं, जिनमें बहुत अधिक तकनीक नहीं होती है। सस्ता होने के कारण उपभोक्ता चीन का माल खरीदता है। आपको बता दें कि पिछले साल चीन से देश में 53878.06 मिलियन डॉलर की वस्तुओं का आयात किया गया था।
देश के घरेलू व्यापार को दें बढ़ावा
कैट ने कहा कि देश के घरेलू व्यापार को बढ़ावा और पैकेज दिया जाए तो घरेलू स्तर पर चीन से अच्छा माल कम दाम पर बना सकते हैं। सरकार इस के लिए एक पैकेज की घोषणा करे जिससे देश के व्यापारी और उद्यमी चीनी माल का मुकाबला कर सकें। चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर कम से कम 300 से लेकर 500 फीसदी की कस्टम ड्यूटी लगा देनी चाहिए, जिससे चीन से आयात होने वाले सामान में कमी आए।
शुरू होगा राष्ट्रीय अभियान
वहीं दूसरी ओर कैट चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का एक राष्ट्रीय अभियान शुरू कर रहा है, जिसमें व्यापारियों को समझाया जाएगा कि किस प्रकार चीनी सामान बेचकर हम परोक्ष रूप से पाकिस्तान द्वारा आतंकी गतिविधियां चलाने में उसकी मदद कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं के बीच भी एक चेतना अभियान चलाया जाएगा, जिसमें उनको चीनी सामान खरीदने से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही आग्रह किया जाएगा कि चीनी सामान का बहिष्कार करे। कैट इस अभियान में किसान, लघु उद्यमी, उपभोक्ता, ट्रांसपोर्ट, हॉकर्स, महिला उद्यमी और अन्य वर्गों के राष्ट्रीय संगठनों को जोड़कर एक संयुक्त अभियान चलाएगा।
90 फीसदी बाजार चीनी सामान पर निर्भर
वहीं दूसरी ओर कुछ व्यापारी और दुकानदार कैट के चीनी सामान के बहिष्कार से असहमत नजर आ रहे हैं। दिल्ली सदर बाजार के कुछ व्यापारियों का कहना है कि पहले भारत को चीन का सामान आयात करना बंद करना होगा। कैट के विरोध के बाद भी कई दुकानदारों और फेरीवालों ने चीन का सामान बेचना जारी रखा हुआ है। व्यापारियों ने कहा देश में 90 फीसदी बाजार चीनी सामानों पर चलता है। ऐसे में चीनी सामान का बहिष्कार या बंद करना काफी मुश्किल है। व्यापारियों ने यह भी कहा कि त्योहारों पर पहले सामान का स्टॉक कर लिया जाता है। अगर देश चीन के सामान का आयात कर रहा है तो उनके पास भी चीनी सामान बेचने का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। दुकानदारों ने कहा कि हर कोई कम लागत का सामान खरीदना पसंद करता हैै। ऐसे में चीनी सामान की बिक्री को बंद करना काफी मुश्किल है।