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ब्लैक फंगस के इलाज इंजेक्शन महंगा होने से इलाज हुआ महंगा, कारोबारियों ने केंद्र से की यह डिमांड

Published: May 21, 2021 02:57:37 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

कैट ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया को एक पत्र भेज आग्रह किया है की जो फार्मा कंपनियां ब्लैक फंगस का इंजेक्शन बना रही हैं, सरकार उनसे बात करके इन इंजेक्शनों की कीमतों को कम करवाए।

Treatment of black fungus is expensive, traders demand from government

Treatment of black fungus is expensive, traders demand from government

नई दिल्ली। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया को एक पत्र भेज आग्रह किया है की जो फार्मा कंपनियां ब्लैक फंगस का इंजेक्शन बना रही हैं, सरकार उनसे बात करके इन इंजेक्शनों की कीमतों को कम करवाए। इसके बाद ही ब्लैक फंगस से संक्रमित आम आदमी भी अपना इलाज करा सकेगा।

7 हजार रुपए का है इंजेक्शन
कैट के अनुसार, ब्लैक फंगस का उपचार बहुत महंगा होने के कारण आम आदमी की पहुंच से बाहर है, क्योंकि लिपोसोमल साल्ट जिससे ब्लैक फंगस के इंजेक्शन बनते हैं की कीमत लगभग 7 हजार रुपए है और ब्लैक फंगस से पीडि़त व्यक्ति के इलाज के लिए लगभग 70 से 100 इंजेक्शन की आवश्यकता होती है। वर्तमान में, सिप्ला, भारत सीरम, सीलोन लैब्स, मायलन लैबोरेटरीज, एबॉट लेबोरेटरीज आदि इस इंजेक्शन का निर्माण कर रही है।

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इंजेक्शन की बढ़ रही है कमी
ब्लैक फंगस के इलाज के लिए पूरे देश में डॉक्टरों द्वारा निर्धारित एम्बोटेरिसिन बी -50 मिलीग्राम इंजेक्शन की कमी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र भेज कहा है , विभिन्न राज्यों में ब्लैक फंगस के मामलों में वृद्धि हुई है और इन इंजेक्शनों की मांग अचानक काफी हद तक बढ़ गई है जबकि इन इंजेक्शनों की बाजार में कमी है । इसकी वजह ये है कि अब तक देश में इन इनेक्शनों की मांग लगभग न के बराबर थी।

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2500 रुपए थी कीमत
कैट के मुताबिक, पहले इन इंजेक्शनों को बनाने वाली फार्मा कंपनियां बाजार में करीब 2500 रुपये प्रति इंजेक्शन विशेष कीमत पर बाजार में यह इंजेक्शन दे रहीं थी। प्रत्येक रोगी के लिए अधिक मात्रा में इंजेक्शन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और इनकी कीमतों को वहनीय बनाने के लिए कैट ने सरकार से इस मामले को उन फार्मा कंपनियों के साथ उठाने का आग्रह किया है।

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2000 रुपए की जाए इंजेक्शन की कीमत
कैट ने आग्रह कर कहा है कि, वर्तमान महामारी के मद्देनजर इन इंजेक्शनों की आपूर्ति को सरकार अपने के नियंत्रण में करें और इन इंजेक्शनों की आपूर्ति सीधे अस्पतालों को की जाए। ऐसे मामले में चूंकि वितरण श्रृंखला बीच में नहीं होगी, सरकार निमार्ताओं के साथ बातचीत कर कीमत कम करवा सकती है जो कम से कम 2000 रुपये प्रति इंजेक्शन तक होने की सम्भावना है।

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