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PM Awas Yojana: वापस करनी पड़ेगी पीएम आवास योजना की किस्त, ये है कारण

PM Awas Yojana: पहली किस्त के 1 लाख रुपए लेकर मकान निर्माण का काम शुरू नहीं करने वालों से वसूली की जा रही है।

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PM Awas Yojana

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PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहर में लोगों को घर बनाने के लिए राशि दी गई थी। इनमें से 90 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने तीन साल से सरकारी पैसा डकार लिया है। न तो घर बना रहे हैं और न ही नपा को रुपए लौटा रहे हैं। इन सभी लोगों को नपा ने योजना के तहत घर बनाने के लिए प्रथम किस्त 90 लाख रुपए दिए थे। खास बात यह भी है कि इस लापरवाही की वजह से नपा की आफत बढ़ गई है।

योजना में शामिल 2068 लोगों की आगामी किस्त की राशि अटक गई है। शासन ने अब दिसंबर तक की डेडलाइन तय कर दी है, या तो मकान बनाओ, नहीं तो राशि लौटाओ। ऐसा नहीं करने पर शासन नपा को हर साल मिलने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में कटौती करने का अल्टीमेटम दे चुका है।

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शुरु हो गई सख्ती

नगरपालिका ने मामले में अब सख्ती करना शुरू की है। प्रथम किस्त के 1 लाख रुपए लेकर मकान निर्माण का काम शुरू नहीं करने वालों से वसूली की जा रही है। मामले से जुड़ी सभी प्रकरण तहसील कार्यालय भेज दिए गए हैं। जहां से सभी को राशि वापस जमा करने का नोटिस जारी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि यदि समय पर राशि वापस नहीं लौटाई गई तो कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।

बनेंगे 84 ईडब्ल्यूएस आवास

समरसता नगर न्यास कालोनी में बनाए जा रहे ईडब्ल्यूएस आवास योजना के तहत 84 आवासों का निर्माण होना है। शनि मंदिर के पीछे भारत टाकीज के पास एलआईजी आवास की मल्टी स्टोरी भी अधूरी पड़ी है। नपाध्यक्ष ने कहा कि समयावधि के बाद टेंडर निरस्त कर दिया जाएगा। इस फर्म ने भी चार तलों में कुल मिलाकर कुल 56 आवास ही तैयार हैं।

अब यह आ रही परेशानी

योजना में शामिल 90 लोगों के पास शासन के 90 लाख रुपए फंस गए हैं। जिसकी रिकवरी अब नगरपालिका को करना है। नगरपालिका ने इसके लिए शहर में मुनादी कराई है और तहसीलदार के माध्यम से नोटिस दिए गए हैं। जिसके बाद 12 लोगों ने नगरपालिका को 12 लाख रुपए लौटाए हैं।

प्रथम चरण का काम पूरा नहीं होने की वजह से नगरपालिका तीसरी और चौथी डीपीआर में शामिल इन लोगों की कोई प्रोग्रेस रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं कर पा रही है। जिसकी वजह से डीपीआर में शामिल लोगों की किस्तें शासन ने रोक दी है। उल्लेखनीय है कि योजना के तहत नगरपालिका ने तीसरी और चौथी डीपीआर बनाकर शासन को भेजी थी। जिसमें कुल 2358 लोगों को शामिल किया गया था।