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अजय खरे@नरसिंहपुर. जिले के ग्वारी गांव की महिलाओं को उनके पेट का दर्द जिंदगी का नासूर बन गया है। इलाज के लिए जिला अस्पताल जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें बच्चादानी में छाले और गर्भाशय का कंैसर होने का भय दिखाकर उनकी बच्चादानी निकाल दी। ऑपरेशन के बाद उनकी जिंदगी और कष्टप्रद हो गई है। अब वे न तो ठीक से चल पाती हैं और न घर गृहस्थी के काम ठीक से कर पा रही हैं।
जिला अस्पताल नरसिंहपुर में बच्चादानी रैकेट ने किस तरह भोली भाली ग्रामीण महिलाओं के जीवन से खिलवाड़ की इसकी दर्द भरी हकीकत बयान करता है जिला मुख्यालय से करीब १५ किमी दूर स्थित ग्वारी गांव जहां रहने वाली २० से ४५ साल तक की ८० फीसदी महिलाओं के बिना आवश्यकता के बच्चादानी ऑपरेशन कर दिए गए। ग्राम पंचायत ग्वारी के ग्वारी गांव में महिलाओं की संख्या करीब ४०० है। इस गांव का ऐसा कोई घर नहीं जिसकी किसी महिला का डॉक्टरों ने बच्चादानी ऑपरेशन न किया हो।
महिलाओं ने बताया कि गांव की कोई महिला पेट में दर्द या अन्य कोई समस्या होने पर जब भी जिला अस्पताल गईं तो वहां डॉक्टरों ने उनकी बच्चादानी में छाले होने या कैंसर होने का डर दिखाया और ऑपरेशन कर डाला।
२५ वर्षीय मीराबाई को पेट में दर्द उठने पर वह जिला अस्पताल गई जहां उसे कुछ जांचें कराने के बाद बच्चादानी में छाला बता दिया गया। डॉक्टर ने उसे ऑपरेशन कराने की सलाह दी और कहा कि यदि अभी ऑपरेशन नहीं कराया तो मर्ज और बढ़ जाएगा फिर बाहर ले जाना पड़ेगा।
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इस गांव की ८० प्रतिशत महिलाओं की बच्चादानी निकाल दी गई है। जिनके ऑपरेशन जिला अस्पताल में किए गए थे।
- दुर्गा पटेल, आंगनबाड़ी सहायिका, ग्वारी
डॉक्टरों ने कभी बच्चेदानी में छाले होने की बात कही तो कहीं गर्भाशय का कैंसर होने का खतरा बताया। जिससे डर कर ऑपरेशन कराने पड़े।
- मंगल चौधरी, सरपंच ग्राम पंचायत ग्वारी
ग्वारी गांव में बड़ी संख्या में महिलाओं की बच्चादानी ऑपरेशन की जांच कराई जाएगी और जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
- गिरीश चौरसिया, सीएमएचओ जिला अस्पताल
मामले में शासन ने जिले के दो डॉक्टरों को निलंबित किया है। विभागीय जांच भी हो रही है जिसमें उन पर आगे की कार्रवाई तय होगी।
- अभय वर्मा, जिला कलेक्टर
Published on:
18 Feb 2018 12:38 pm
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