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एक करोड़ की है नगरनिगम की यह टोपी, आपको भी चौंका देगा इसका राज

आमजन को जागरूक करने के लिए टोपी-बैज की खरीदी की जा रही थी

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bharat swachta abhiyan: Cap-badge tender annulment

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जबलपुर. निगम प्रशासन ने स्वच्छ सर्वेक्षण-२०१८ में टोपी-बैज की खरीदी का टेंडर निरस्त कर दिया है। आमजन को जागरूक करने के लिए टोपी-बैज की खरीदी की जा रही थी। एक करोड़ रुपए की खरीदी की यह टेंडर प्रक्रिया स्वच्छता में जबलपुर को नम्बर-१ बनाने के नाम पर किया जा रहा था। योजना प्रभारी ने बताया कि टोपी-बैज का टेंडर निरस्त हो गया है। नया टेंडर तभी फाइलन होगा, जब इस पर मेयर इन काउंसिल अपनी मंजूरी प्रदान करेगी।


नगर सरकार के मंत्रियों ने लगा दिया अड़ंगा
पिछले साल निगम प्रशासन ने ५ लाख रुपए का टेंडर निकालकर २२ लाख रुपए की टोपी-बैज की खरीदी की थी। इसके बाद भी शहर स्वच्छ सर्वेक्षण में टॉप-२० में भी जगह नहीं बना पाया था। इस साल ५८ लाख रुपए का टेंडर निकालकर एक करोड़ से ज्यादा की टोपी-बैज की खरीदी की तैयारी की जा रही थी। चहेते को टेंडर देने की जानकारी लगते ही नगर सरकार के मंत्रियों ने अड़ंगा लगा दिया। मामला सामने आने के बाद अफसर बैकफुट पर चले गए और टेंडर निरस्त कर दिया।


ये बता रहे कारण
निगम के अफसरों के अनुसार ४-५ फर्म ने टोपी-बैज खरीदी का टेंडर भरा था, लेकिन एक फर्म ही एलीजिबिलिटी क्राइटेरिया पूरा कर सकी। इसलिए टेंडर की फाइनेंशियल बीड खोलने के बजाय निरस्त कर दिया गया। उधर, सूत्रों का कहना है कि निगम ने नए सिरे से उतनी ही राशि का टेंडर भी निकाल दिया है।


एमआईसी करेगी फैसला
योजना विभाग से जुड़े हर कार्य के लिए टेंडर की मंजूरी मेयर इन काउंसिल से लेना जरूरी हो गया है। इसलिए टोपी-बैज की खरीदी का नया टेंडर तभी फाइनल होगा, जब मेयर इन काउंसिल इस पर अपनी मुहर लगाएगी। योजना प्रभारी नवीन रिछारिया ने बताया कि टोपी-बैज का टेंडर निरस्त हो गया है। नया टेंडर तभी फाइलन होगा, जब इस पर मेयर इन काउंसिल अपनी मंजूरी प्रदान करेगी।