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कभी झूठ नहीं बोलता ये चोर, फंसने पर भी बोला सच

सच बोलने का संकल्प लिया था चोर ने, इस फेर मेंं गंवा दी जान

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ces-2018-charandas-chor-in-jabalpur

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जबलपुर . यह चोर औरों से कुछ अलग है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह झूठ नहीं बोलता। अपने गुरु के समक्ष लिए गए संकल्पों को यह हर हाल में पूरा करता है- राजा का सिंहासन, रानी का प्रेम और मान प्रतिष्ठा पाने का अवसर तक ठुकरा देता है। यहां तक कि प्रण के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने में भी जरा सी देर नहीं करता। यह चरनदास चोर है जिसकी कहानी गीतायन प्रेक्षागृह में मंचित की गई।


ऐसे भी होते हैं चोर
आयुध निर्माणी खमरिया द्वारा राष्ट्र सेवा के ७५ वर्ष पूर्ण होने उपलक्ष्य में चल रहे पंचसप्तति नाट्य समारोह के दूसरे दिन हबीव तनवीर के इस बहुचर्चित और बहुप्रशंसित नाटक का मंचन किया गया। इस प्रस्तुति ने चोरों के बारे में व्याप्त आमधारणा को पूरी तरह झुठला दिया। अमूमन एक चोर को झूठे, एहसानफरामोश, निर्दयी, संवेदनाहीन और गलीज किस्म का इंसान माना जाता है लेकिन चरनदास चोर ऐसा नहीं था। ऐसे वक्त में जब छोटे-छोटे प्रलोभनों में आकर बड़े से बड़ा आदमी भी अपने आदर्शों-सिद्धांतों को ताक पर रख देता है तब चरनदास अपने गुरु को दिए वचन का पालन करने के लिए प्राण न्यौछावर करने से भी पीछे नहीं हटता।


सच के लिए गंवाई जान
चोर चरनदास एक गुरु के पास जाता है तो वे उसे चोरी छोडऩे के लिए कहते हैं। चोरी को अपना धर्म समझने वाला चरनदास यह काम छोड़ देने से तो इंकार कर देता है लेकिन गुरु के कहने पर वह चार प्रण ले लेता है। इसमें कभी भी झूठ न बोलने का प्रण भी शामिल होता है। जब ऐसी परिस्थितियां बनती हैं कि इन प्रणों को पूरा करने में वह फंस जाता है तब भी चरनदास पीछे नहीं हटता। वह सच बोलने के प्रण पर डटा रहता है और अंतत: इस कारण उसकी मौत हो जाती है। सत्य बोलना और उस पर अडिग रहना, कितना कठिन है- यही इस नाटक की मूल कथा है, जो दर्शकों को चिंतन पर विवश कर देती है। चरनदास चोर की यह कहानी मंचित की गई ओएफके नाट्य कला संस्था के कलाकारों द्वारा। नाटक का निर्देशन वीएम इग्नेशियस ने किया।


इन कलाकार ने निभाए किरदार
मंच पर राजेश बैरागी, एलएस चौहान, पंकज वर्मा, अरुण राजपूत, शिरीष गोंटिया, अमित झारिया, गोपाल मेहरा, दाताराम चौधरी, माधवानंद, रिनी ए स्टीफन, दृष्टि श्रीवास्तव ने विविध भूमिकाएं निभाईं।


आज का मंचन
नाट्य समारोह के तीसरे दिन डॉ. राही मासूम रजा द्वारा लिखित और दानिश इकबाल द्वारा निर्देशित नाटक टोपी की दास्तान का मंचन किया जाएगा।