12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरोना से जंग जीतने में ये काढ़ा बना रामबाण, बना रहा कोरोना मरीजों की सेहत

कोरोना से जंग जीतने में ये काढ़ा बना रामबाण, बना रहा कोरोना मरीजों की सेहत  

2 min read
Google source verification
Follow this home remedies to fight against Corona

Follow this home remedies to fight against Corona

जबलपुर। कोरोना संक्रमण के दौरान सुखसागर मेडिकल कॉलेज में आइसोलेट और क्वारंटीन लोगों की सेहत पर आरोग्य कषायम-20 चूर्ण के काढ़ा का अच्छा प्रभाव है। आयुष विभाग का दावा है कि दस दिन में बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। विधिवत अध्ययन करने में एक माह लगेगा। जबकि, कोरोना प्रभावित मरीज जल्द स्वस्थ्य हो रहे हैं।

सम्भागीय आयुष अधिकारी डॉ. जीडी द्विवेदी ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों की सेहत पर काढ़ा का अच्छा प्रभाव है। हालांकि तुलनात्मक अध्ययन के लिए कुछ और आंकड़े की प्रतीक्षा है। सुख सागर मेडिकल कॉलेज में 14 मई को पहले दिन 82 लोगों को काढ़ा पिलाया गया था। जबकि, दस दिन में 24 मई की रात तक 53 पॉजिटिव आइसोलेशन वार्ड में और 14 संदिग्ध क्वारंटीन वार्ड में भर्ती किए गए। इनमें 72 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। इस अवधि में सिर्फ दो गम्भीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज जबलपुर शिफ्ट करना पड़ा। आयुर्वेदिक कॉलेज की टीम काढ़ा पिलाने का कार्य कर रही है। प्रो. आरके गुप्ता ने बताया कि मरीजों पर काढ़ा का बेहतर प्रभाव है। अन्य राज्यों के रिसर्च में औषधीय काढ़ा की उपयोगिता प्रमाणित हो चुकी है। हालांकि पॉजिटिव व संदिग्ध लोगों को एलोपैथी की विटामीन सी, कैल्शियम, जिंक आदि दवाइयां पहले की तरह ही दी जा रही हैं।

मरीजों की संख्या भी बढ़ी, मेडिकल अस्पताल में सामान्य हुई जनरल ओपीडी
मेडिकल अस्पताल में कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों के मरीजों की जांच और उपचार शुरू भी कर दिया गया। लॉकडाउन में ढील के साथ मेडिकल अस्पताल की ओपीडी में सामान्य हो गई है। लम्बे समय से बीमार लोग जांच के लिए आने लगे हैं। इससे इस सप्ताह से मेडिकल अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या कई गुना तक बढ़ गई है। लॉकडाउन के पहले तीन चरण में ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 60-70 मरीज ही पंजीकृत हो रहे थे। यह आंकड़ा अब बढ़ गया है। प्रतिदिन औसतन छह सौ मरीज जांच के लिए पहुंच रहे हैं। इसमें विक्टोरिया अस्पताल सहित आसपास के जिला अस्पतालों से रेफर किए गए कई मरीज हैं।

पहले और अब में बदलाव
लॉकडाउन से पहले मेडिकल अस्पताल में प्रतिदिन औसतन एक से डेढ़ हजार के बीच मरीज ओपीडी में जांच के लिए आते थे। एक समय पर अस्पताल में सात सौ से ज्यादा मरीज भर्ती रहते थे। कोरोना संक्रमण फैलने के बाद लॉकडाउन के पहले और दूसरे फेस में ज्यादातर गम्भीर प्रकरण और रेफर केस ही आए। इस दौरान ओपीडी में प्रतिदिन मरीजों की संख्या 60-70 के बीच रही। लॉकडाउन के फेस-3 में मरीजों की कुछ संख्या बढ़ी। फिर ओपीडी में सामान्य दिनों के अपेक्षाकृत काफी कम मरीज रहे। लेकिन लॉकडाउन-4 में आवाजाही सहित कुछ रियायतें बढऩे के बाद अब अन्य रोग से पीडि़त लोग जांच के लिए निकल रहे हैं। इससे पहले अस्पताल में जहां करीब दौ सौ मरीज भर्ती रहते थे। अब भर्ती रहने वाले मरीजों की संख्या करीब चार सौ हो गई है।