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जबलपुर। आमतौर पर उपभोक्ता बिजली के मीटर की तेज चाल और अधिक राशि का बिल आने की शिकायत से परेशान रहते है। लेकिन इन्हें अब अधिक परेशान नहीं होना पड़ेगा। मीटर में किसी प्रकार की गड़बड़ी का संदेह होने पर वे उसकी जांच करा सकेंगे। इसके लिए प्रदेश में एक राष्ट्रीय स्तर की टेस्टिंग लैब तैयार की जा रही है। इस लैब के निर्माण के लिए राष्ट्रीय परीक्षण अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) की टीम ने शुक्रवार को निरीक्षण किया। इस लैब की स्थापना से एलटी और एचटी मीटरों का परीक्षण कराना उपभोक्ताओं के लिए आसान हो जाएगा।
प्रदेश में तीसरी लैब
बिजली कम्पनी की ओर से नया गांव रामपुर में 50 लाख की लागत से राष्ट्रीय स्तर की तीन लैब का निर्माण कराया है। दो लैब में एलटी और एचटी मीटरों का परीक्षण होगा। जबकि केन्द्रीय ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (सीटीआई) में बिजली उपकरणों ट्रांसफॉर्मर, एबी स्विच आदि की जांच होगी। तीनों लैब राष्ट्रीय परीक्षण अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) के मानकों पर तैयार की गई हैं। एनएबीएल की टीम शुक्रवार को निरीक्षण करने पहुंची। एनएबीएल के मानकों पर खरा उतरने पर यह प्रदेश की तीसरी
लैब होगी।
मुख्यालय होने की वजह से कवायद
बिजली कंपनियों का मुख्यालय होने की वजह से नया गांव में एनएबीएल से मान्यता प्राप्त लैब की कवायद शुरू की गई है। इसकी प्रमाणिकता राष्ट्रीय स्तर पर होती है। इसके लिए नया गांव स्थित कार्यालय सहायक अभियंता निम्नदाब मीटर टेस्टिंग परीक्षण (एलटीएमटी लैब) कार्यालय में हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और मैनवेयर के स्तर पर बदलाव किया गया। इसी तरह के बदलाव सीटीआई स्थित पावर उपकरणों की जांच करने वाली लैब में किए गए हैं।
मान्यता के लिए निरीक्षण
तीनों लैब के लिए 20 कर्मियों को अलग-अलग प्रशिक्षण दिलाया गया है। एनएबीएल की मान्यता के लिए पूर्व क्षेत्र कम्पनी ने आंतरिक ऑडिट कराया था। इसके बाद एनएबीएल से मान्यता लेने के लिए आवेदन किया। मान्यता प्रदान करने से पहले एनएबीएल की टीम ने शुक्रवार को तीनों लैब का निरीक्षण किया।
ये होंगे लैब के फायदे
एनएबीएल की मान्यता मिलने पर तीनों लैब की रिपोर्ट को राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया जाता है।
यहां की जांच रिपोर्ट में त्रुटि की गुंजाइश न के बराबर रहती है।
मीटर तेज या धीमा चलने पर उपभोक्ता इस लैब में जांच करा सकेंगे।
कई बार मीटर टेम्पर्ड का आरोप लगाकर बिजली कर्मी अनाप-शनाप जुर्माना लगाते हैं। लैब इसकी पोल खोल देगी।
उपभोक्ताओं के यहां लगने वाले सभी मीटर एनएबीएल लैब में परीक्षण के बाद लगाए जाएंगे।
ट्रांसफॉर्मर और अन्य उपकरण भी लैब में परीक्षण के बाद लगाएंगे, फॉल्ट में कमी आएगी।
Published on:
14 Oct 2017 02:09 pm
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