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OMG- करंट से भी तेज दौड़ रहे है बिजली के नए मीटर, इन्होंने किया सनसनीखेज खुलासा

कांग्रेस ने किया दावा, 25 प्रतिशत तेज चलते हैं बिजली के नए मीटर

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kuchaman

जबलपुर। प्रदेश में बिजली कंपनी की ओर से घरों में लगाए गए बिजली के मीटर करंट से भी तेज गति से दौड़ रहे है। इनकी रफ्तार इतनी अधिक है की बिजली उपभोग होने से पहले ही वह उसकी खपत दर्शाने लगाते है। एक अनुमान के मुताबिक सामान्य मीटर की तुलना में बिजली कंपनी के नए मीटर करीब २५ प्रतिशत तेज है। इसके चलते उपभोक्ताओं को भेजे जा रहे बिजली बिल के करंट मार रहे है। नए मीटर के जरिए बिजली कंपनी अपना मुनाफा बढ़ाने में जुटी है। इस खेल में आम उपभोक्ताओं की जेब पर रोज डाका पड़ रहा है।
नए मीटर और सामान्य मीटर की रीडिंग में फर्क
बिजली के नए मीटर की चाल 25 प्रतिशत तेज होने के अपने दावे के समर्थन में एक मीटर का मॉडल भी प्रस्तुत किया गया। गड़बड़ी जानने के लिए कंपनी के मीटर पर 200 वॉट का बल्ब लोड और आईएसआई प्रमाणित बाजार वाले मीटर पर भी 200 वॉट के बल्ब का लोड दिया गया। दिन भर में विद्युत कंपनी वाले मीटर की रीडिंग 3.6 और बाजार वाले मीटर में रीडिंग 3.1 आई।
नए मीटर लगाने में घोटाला
प्रदेश में बिजली बिल में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस की तरफ से गुरुवार को बिजली मीटरों को लेकर यह खुलासा किया गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सौरभ नाटी शर्मा ने प्रेसवार्ता कर दावा किया है कि बिजली कंपनी की तरफ से उपभोक्ताओं के यहां लगाए जा रहे मीटर सामान्य मीटर की तुलना में 25 प्रतिशत तेज चलते हैं। लगातार बदले जा रहे मीटरों को लेकर घोटाले की बात भी कही है।
जनजागरण रथ रवाना करेंगे
प्रदेश में इस वक्त हर व्यक्ति बढ़े हुए बिजली बिल से परेशान है। बिजली बिल की रीडिंग से अधिक वसूली से परेशान आम आदमी बिजली कंपनी के चक् कर लगाकर थक गया है। कांग्रेस के मुताबिक बिजली मीटर की गड़बड़ी को उपभोक्ताओं के सामने रखने के लिए ८ अक्टूबर से जनजागरण रथ निकाला जाएगा। बड़े फुहारा से रथ का शुभारंभ राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा करेंगे।
ये भी किया दावाा
बिजली कंपनी की ओर से लगाए जा रहे मीटर पर 27 डिग्री सेल्यिस तापमान में सही गणना देने की बात लिखी है। तापमान बढऩे पर ये मीटर 15 प्रतिशत तेज रीडिंग दर्शाते हैं।
मीटर खराब होने पर विद्युत कंपनी 500 से 800 वाले मीटर की कीमत 1500 वसूलती है।
कोई उपभोक्ता बाजार से आईएसआई मार्क का मीटर खरीद कर लगाना चाहे तो कंपनी के मीटर टेस्टिंग लैब में उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है।