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Builders Colonizers ऐसे लगा रहे हैं लोगों को चूना, आप भी जानिए इनकी असलियत

5 एकड़ से कम जमीन का डायवर्सन करा छोटे-छोटे प्लाट बेचने का धंधा जोरों पर, टीएंडसीपी की एनओसी लिये बिना ही टाउनशिप बताकर लोगों को बेचे जा रहे प्लाट

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plots diversion in mp

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जबलपुर। शहर में बिल्डर्स, कालोनाइजर्स की मनमानी अभी थमी नहीं हैं। नियम-कानूनों को धत्ता बताकर कई बिल्डर्स और कालोनाइजर्स आमजन की मेहनत की कमाई पर सरेआम डाका डाल रहे हैं। शहर उपनगरीय क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण इलाकों और बायपास के किनारे किसानों से जमीन लेकर उसमें प्लाट काटे जा रहे हैं। एसडीएम से डायवर्सन करा लिया जाता है पर बाकी प्रक्रियाएं पूरी किए बिना ही प्लाट बेचना शुरु कर दिया जाता है। प्लाट की रजिस्ट्री हो जाने के बाद ही लोगों को यह जानकारी मिलती है कि वहां ने पर्याप्त चौड़ी सडक़ है और न ही नाली, बिजली, पानी की उचित व्यवस्था है। ऐसे में दोहरा नुकसान हो रहा है। आमजन के साथ ही वैध काम कर रहे बिल्डरों और शासन को भी नुकसान हो रहा है।

सैंकड़ों फर्जी प्रोजेक्ट
आमतौर पर ऐसे बिल्डर्स और कालोनाइजर्स सस्ती कीमत वाले प्लाट खरीदने के लालच देते हैं। ये लोग प्लाट की जानकारी तो देते हैं लेकिन उस कॉलोनी में नाली, सडक़, बिजली, गार्डन के लिये छोड़ी जानेवाली जमीन की जानकारी छुपाते हैं और दस्तावेजों में फर्जी जानकारी दे दी जाती है। शहर में ऐसे सैंकड़ो प्रोजेक्ट चल रहे हैं जिनके पास टीएंडसीपी की विधिवत अनुमति नहीं है। फिर भी खुलेआम प्लाट बेचे जा रहे हैं। 5 एकड़ से कम भूमि को खरीदकर डायवर्सन कराने के बाद छोटे-छोटे प्लाट बेचने का धंधा अभी भी खुलेतौर पर चल रहा है। नगर एवं ग्राम निवेश की एनओसी के बिना ही टाउनशिप बताकर अरबों रुपए के प्लाट बेच दिए गए हैं। विडंबना तो यह है कि ऐसे बिल्डरों-कालोनाइजर्स को रेरा एक्ट के दायरे में भी लाना मुश्किल है।


आगे आकर करें शिकायत
टीएंडसीपी के संयुक्त संचालक नीरज आनंद लिखार बताते हैं कि नियमानुसार नगर एवं ग्राम निवेश का नक्शा और अनुमति जरूरी है। बिना टीएंडसीपी विभाग की अनुमति के प्लाट बेचना सरासर गैरकानूनी है। अधिकारियों ने लोगों से ऐसे बिल्डरों की शिकायत किए जाने की बात भी कही है। दरअसल इस तरह का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उपभोक्ताओं की जागरूकता बहुत जरूरी है। प्लाट खरीदने के पहले कॉलोनी के लिये नगर एवं ग्राम निवेश की अनुमति है या नहीं, इस बात की पड़ताल जरूर कर लेनी चाहिए। प्लाट का डायवर्सन हुआ है या नहीं, कॉलोनाइजर एक्ट के तहत बिल्डर के पास लाइसेंस है या नहीं यह भी जान लें। खसरे में यह भी देखें कि उसमें बिल्डर का नाम है या किसी ऐसे व्यक्ति का।