
national hug day
जबलपुर. यार दोस्तों से मिलने का तरीका पिछले कुछ सालों में बदला है। पहले जहां केवल हाय, हेलो या हाथ मिलाकर हालचाल पूछते थे, वहीं अब जादू की झप्पी देकर हाल-चाल पूछ रहे हैं। शहर के लोगों ने भी इस कल्चर को तेजी से अपनाया है। वेलेंटाइन वीक पर हग डे के मौके पर हम आपको बता रहे हैं कि जादू की झप्पी न केवल एक कल्चर में शामिल हो गया है, बल्कि यह साइंटिफिक तौर पर इमोशनल सपोर्ट का काम करता है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि एक जादू की झप्पी हर गम को भुलाने में मददगार होती है। हग करना टेंशन रिलीज करने का काम तेजी से करता है। आइए जानते हैं किस तरह गले लगने से आपके दिल दिमाग पर असर होता है और आपका मूड पूरी तरह चेंज हो जाता है।
पॉजिटिव एनर्जी मिलती है
मनोवैज्ञानिक रत्ना जौहरी ने बताया कि कई बीमारियों को दूर करने के लिहाज से जादू की झप्पी देना बेहतर थेरेपी के रूप में भी काम करता है। यदि आपको किसी तरह की समस्या हो तो आप सिर्फ एक बार किसी अपने से गले मिल लेते हैं तो आपको पॉजिटिव एनर्जी मिलती है, जो कि टच थेरेपी से रिलेटेड है।
हैप्पी हार्मोन होते हैं रिलीज
जब भी आप गले लगते हैं तो खुशी मिलती है। जो भी तनाव होता है, वह कम होता है। इसका कारण यह है कि गले लगने से बॉडी में हैप्पी हार्मोन सीक्रीट होते हैं।
स्पर्श बता देता है
इंसान प्यार से गले लग रहा है या ईष्र्या से गले लग रहा है, इसका अंदाजा भी व्यक्ति के ब्रेन को हो जाता है, क्योंकि जो जिस भावना से आपसे गले लगता है, सेंस एक्टिव हो जाते हैं और वह ब्रेन तक पहुंचते हैं। आप समझ जाते हैं कि कोई आपको प्रेमवश, मातृत्व, स्नेह या ईष्र्या किस भाव से गले मिल रहा है।
डर भी काफूर
कभी-कभी इंसान को अजीब सा डर लगा रहता है, लेकिन दिमाग में नेगेटिव एनर्जी आती है। गले लगाने से डर दूर होता है। गले लगने से बॉडी में सेरोटोनिन की मात्रा बढ़ती है, जिससे एक तरह की खुशी मिलती है और माइंड फ्रेश होता है। जादू की झप्पी पाने से नर्वस सिस्टम बेहतर होता है। हार्ट के लिए अच्छा होता है। मसल्स रिलैक्स होती हैं। खुद ब खुद रिचार्ज होते हैं।
Published on:
12 Feb 2018 05:30 am
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