
प्रदेश की पहली गोल्ड क्लस्टर योजना को पंख नहीं लग पा रहे हैं। योजना शंखनाद के बाद भूमि आवंटन में ही अटक कर रह गई है। नगर निगम ने पुराना बस स्टैंड या सिविक सेंटर मढ़ाताल में खाली पड़ी जमीन देने का प्रस्ताव तैयार किया था लेकिन दोनों में कोई स्थान निर्धारित नहीं हुआ है। यदि 100 करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट धरातल पर आता है तो सोना-चांदी और हीरा के कारोबार को नई ऊंचाइयां मिलेंगी बल्कि निवेश, युवाओं और कारीगरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
13 मंजिल का रहेगा क्लस्टर का टॉवर
सराफा बाजार बढ़ती आबादी और ग्राहकों के लिहाज से छोटा पडऩे लगा है। सकरी गलियां कारोबार की राह में बाधा बनती है। जाम रोज की समस्या बन गया है। आलम यह है कि ग्राहक सराफा आने से कतरराने लगे हैं। ज्वेलरी निर्माता और विक्रेता इस कारोबार को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग उठा रहे हैं। सराफा एसोसिएशन ने गोल्ड क्लस्टर की योजना तैयार कर नगर निगम को सौंपी थी। डेढ़ एकड़ क्षेत्रफल में 13 मंजिला इमारत का निर्माण किया जाना है। इसमें कई प्रकार की सुविधाएं सराफा कारोबारी, आभूषण तैयार करने वाले कारीगर और ग्राहकों को मिलेंगी। योजना के अनुसार इसमें पार्किंग, शोरूम, होलसेल कारोबार का स्थान, बैंक, होटल, डोरमेटरी, बैंक्विट हाल और दो मंजिल कारीगर तथा दो मंजिल ढलाई और पॉलिश के लिए तय की गई हैं।
12 जिलों के ग्राहक आकर करते हैँ खरीदी
जबलपुर बल्कि आसपास के 12 जिलों से ग्राहक जबलपुर आकर गहनों की खरीदी करते हैं। जो पुराने ग्राहक हैं, उनकी दुकानें तय हैं। दुकानदार और ग्राहक के बीच विश्वास का रिश्ता है। इसलिए बड़ी खरीदी में भी कोई बाधा नहीं आती है। एक अनुमान के अनुसार रोजाना पूरे जिले में 20 से 25 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। वहीं त्योहारों के अवसर पर यह आंकड़ा 30 से 40 करोड़ रुपए के बीच पहुंच जाता है।
यह है स्थिति
100 करोड़ रुपए की गोल्ड क्लस्टर की योजना। 1.5 एकड़ जमीन पर बनेगी 13 मंजिल इमारत। 1500 सराफा दुकानों का जिले में होता संचालन। 10 हजार लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जुड़े कारोबार से। 450 दुकानों का संचालन सराफा बाजार में । 05 प्रमुख कंपनियों के बड़े शोरूम का होता है संचालन।
लगातार खुल रहे नए शोरूम
जबलपुर में सराफा बाजार तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां कई बड़ी कंपनियां अपना शोरूम खोल रही हैं। कुछ स्थानीय कारोबारियों ने भी शहर के अलग-अलग हिस्सों में अत्याधुनिक शोरूम खोले हैं। ऐसे में ग्राहकों की पहुंच उन तक बढऩे लगी है। इसका प्रभाव परंपरागत बाजार पर हो रहा है। क्योंकि इस जगह तक ग्राहकों को पहुंचना कठिन होता है। एकांकी मार्ग है। आसपास पार्किंग भी नहीं है। इसलिए कारोबारी क्लस्टर की मांग को उठाते रहे हैं ताकि वे अपना कारोबार नई जगह शिफ्ट कर सकें। लेकिन उनके अरमानों को पंख इसलिए नहीं लग पा रहे हैं कि जमीन का मामला अटका हुआ है।
काम चल रहा है
गोल्ड क्लस्टर की योजना पर काम चल रहा है। पुराने बस स्टैंड की जगह के एक हिस्से पर इसका निर्माण होना है। मध्यप्रदेश सरकार की क्लस्टर स्कीम के तहत इसे तैयार किया जाएगा। बीच में चुनाव की आचार सहिंता लागू होने के कारण काम नहीं हो पा रहे थे, लेकिन अब उसे गति प्रदान की जा रही है।
- जगत बहादुर सिंह अन्नू, महापौर
जैसे ही भूमि का आवंटन होता है, कारोबारी अपने हिस्से का काम शुरू कर देंगे
गोल्ड क्लस्टर की स्थापना की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। इसकी पूरी योजना बनाकर रखी है। नगर निगम से जमीन मांगी गई है। निगम पीपीपी मोड पर उसे बनाना चाहता है। जैसे ही भूमि का आवंटन होता है, कारोबारी अपने हिस्से का काम शुरू कर देंगे। क्लस्टर के बनने से जबलपुर के सराफा कारोबार को नया रूप और ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
- राजा सराफ, अध्यक्ष, सराफा एसोसिएशन जबलपुर
Updated on:
14 Jan 2024 10:33 am
Published on:
14 Jan 2024 10:31 am
बड़ी खबरें
View Allजबलपुर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
