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फिर से महंगा हो सकता है मकान बनाना, जमीनों दाम बढ़ाने की तैयारी

कलेक्टर गाइड लाइन : एक सप्ताह में रजिस्ट्री कार्यालय में दे सकते हैं राय, जमीन की दर तय करने के लिए आमजन का भी होगा 'हस्तक्षेप'

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जबलपुर. जमीन के दाम शहरवासियों को जोर झटका देते रहे हैं। नई कलेक्टर गाइडलाइन आने के बाद कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर हड़कं प मच जाता है। एेसे में इस बार रजिस्ट्री विभाग ने जमीन की मौजूदा कीमतों के संबंध में (२०१७-१८ की कलेक्टर गाइड लाइन) आपत्ति व आवश्यक सुझाव रियल एस्टेट कारोबारियों से लेकर आम आदमियों से मांगकर नई पहल की है।
२०१४-१५ में चुनिंदा इलाकों में १०प्रतिशत का इजाफा हुआ रियल एस्टेट कारोबारियों ने बढ़ोत्तरी को स्वीकार कर लिया
२०१५-१६ में जमीन की दरों में कुछ क्षेत्रों में ५ से ७ प्रतिशत का इजाफा हुआ
२०१६-१७ में व १७-१८ में केवल उन क्षेत्रों में ४-५ प्रशित दर बढ़ाई जहां कलेक्टर गाइड लाइन से ज्यादा कीमत पर जमीनों की रजिस्ट्री की जा रही थी।

पांच साल में इस प्रकार हुआ इजाफा
- २०१३-१४ में जमीन की दर में २०० प्रतिशत का इजाफा हुआ
- ६ महीने तक जमकर विरोध हुआ
- रियल एस्टेट कारोबारी कोर्ट पहुंचे
- बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर जमीन की दर में इजाफा कम करके ५० प्रतिशत किया
- फिर भी रियल एस्टेट कारोबार को तगड़ा झटका लगा

नगर निगम सीमा में अचल संपत्ति की रजिस्ट्री महंगी
नगर निगम सीमा में जमीनों की रजिस्ट्री शुक्रवार से महंगी हो गई है। अब रजिस्ट्री कराने पर निगम सीमा में संपत्ति के बाजार मूल्य का ३ प्रतिशत शुल्क लगेगा। इसके कारण स्टाम्प ड्यूटी अब बढ़कर ८.५ प्रतिशत के स्थान पर बढ़कर ९.५ फीसदी हो गई है। रजिस्ट्री शुल्क ०.८ प्रतिशत है। यानी अब अचल संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर कुल मिलाकर अब १०.३ प्रतिशत रजिस्ट्री शुल्क लगेगा।

कलेक्टर गाइड लाइन तय करने से पहले इस बार मौजूदा गाइड लाइन पर सुझाव व आपत्ति आमंत्रित की गई हैं। जिससे की नई गाइड लाइन तय करने में सभी की राय शामिल हो। नगर निगम सीमा में अचल संपत्ति पर निगम शुल्क २ प्रतिशत से बढ़कर ३ फीसदी हो गया है। इससे रजिस्ट्री शुल्क बढ़कर १०.३ प्रतिशत हो गया है।
- प्रभाकर चतुर्वेदी, वरिष्ठ पंजीयक

नोटबंदी, जीएसटी के बाद पहले ही बाजार की स्थिति अच्छी नहीं है एेसे में पिछले दो वर्षों की तरह ही इस बार भी कलेक्टर गाइड लाइन में इजाफा नहीं होना चाहिए।
- धीरेश खरे, अध्यक्ष क्रे डाई जबलपुर

२०१२-१३ में बाजार में मंदी आई तब से अब तक रियल एस्टेट कारोबार नहीं उबर पाया है। जमीन की दर स्थिर रखना चाहिए। इस बार पहले से सुझाव मांगकर रजिस्ट्री विभाग ने अच्छी पहल की है।
- सुनील जैन, चेयरमैन के्र डाई जबलपुर

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